परिचय
भगवान हनुमान जी को पवनपुत्र, संकटमोचन और रामभक्त के रूप में पूजा जाता है। इनकी भक्ति से सभी दुःख, संकट और दरिद्रता दूर हो जाते हैं।
श्री पवनसुत हनुमान आरती का पाठ करने से व्यक्ति को साहस, बल और भक्ति का वरदान मिलता है।
श्री पवनसुत हनुमान आरती (पूर्ण पाठ)
॥ श्री पवनसुत हनुमान आरती ॥
जयति मंगलागार, संसार,
भारापहर, वानराकार विग्रह पुरारी।
राम-रोषानल, ज्वालमाला
मिषध्वान्तचर-सलभ-संहारकारी॥
जयति मरुदन्जनामोद-मन्दिर,
नतग्रीवसुग्रीव-दुःखैकबन्धो।
यातुधानोद्धत-क्रुद्ध-कालाग्निहर,
सिद्ध-सुर-सज्जनानन्दसिन्धो॥
जयति रुद्राग्रणी, विश्ववन्द्याग्रणी,
विश्वविख्यात-भट-चक्रवर्ती।
सामगाताग्रणी, कामजेताग्रणी,
रामहित, रामभक्तानुवर्ती॥
जयति संग्रामजय, रामसन्देशहर,
कौशला-कुशल-कल्याणभाषी।
राम-विरहार्क-संतप्त-भरतादि
नर-नारि-शीतलकरणकल्पशाषी॥
जयति सिंहासनासीन सीतारमण,
निरखि निर्भर हरष नृत्यकारी।
राम संभ्राज शोभा-सहित सर्वदा
तुलसि-मानस-रामपुर-विहारी॥
श्री पवनसुत हनुमान आरती का महत्व
- संकटमोचन बल – आरती करने से जीवन के संकट दूर होते हैं।
- रामभक्ति की प्राप्ति – यह आरती भगवान राम और हनुमानजी की कृपा दिलाती है।
- ग्रह दोष शांति – विशेष रूप से शनि और मंगल दोष का निवारण करती है।
- धन और स्वास्थ्य लाभ – भक्त को मानसिक शांति, साहस और समृद्धि मिलती है।
- आध्यात्मिक उन्नति – आरती से मन शुद्ध और आत्मा को बल मिलता है।
कब करें पवनसुत हनुमान आरती?
- प्रातः और संध्याकाल दीपक, धूप और लाल फूल अर्पित कर आरती करें।
- विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को आरती करने से चमत्कारी फल मिलता है।
- भक्त मानते हैं कि इस आरती का नियमित पाठ शनि, राहु और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है।
FAQ – श्री पवनसुत हनुमान आरती
Q1: श्री पवनसुत हनुमान आरती क्या है?
👉 यह आरती भगवान पवनपुत्र हनुमानजी को समर्पित है और भक्तों द्वारा संकटमोचन बल की प्राप्ति के लिए गाई जाती है।
Q2: इस आरती को कब गाना चाहिए?
👉 सुबह और शाम, विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को।
Q3: पवनसुत हनुमान आरती के लाभ क्या हैं?
👉 जीवन के सभी संकट दूर होते हैं, साहस मिलता है और ग्रह दोष शांति होती है।
Q4: क्या यह आरती घर पर की जा सकती है?
👉 हाँ, घर या मंदिर में दीपक जलाकर यह आरती गाना शुभ माना जाता है।