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Chhath Puja Ki Kahani

छठ पूजा (Chhath Puja): सूर्यदेव को अर्घ्य और छठी मैया की कृपा का महापर्व

छठ पूजा (Chhath Puja) भारत के सबसे प्राचीन और आस्था से परिपूर्ण लोक त्योहारों में से एक है। यह केवल एक पूजा नहीं, बल्कि शुद्धता, समर्पण और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का चार दिवसीय महापर्व है। यह पर्व सूर्य देव और उनकी बहन छठी मैया (देवी षष्ठी) को समर्पित है, जिन्हें संतान की रक्षा और दीर्घायु का आशीर्वाद देने वाली देवी […]

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द्वादश ज्योतिर्लिंग

  द्वादश ज्योतिर्लिंग: स्थान, महत्व और कथाएँ | 12 Jyotirlinga in India

द्वादश ज्योतिर्लिंग: भोले बाबा के 12 दिव्य प्रकाश स्तंभ द्वादश ज्योतिर्लिंग इतिहास और महत्व: हिंदू धर्म में भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इन द्वादश ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से भक्तों के सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आदि गुरु शंकराचार्य ने ‘द्वादश

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Chhath Puja

लोक आस्था का महापर्व छठ अलौकिक है | सूर्य उपासना के ऋग्वेदीय मंत्र और अर्थ (Chhath Puja: The Great Festival of Faith and Sun Worship | Rigvedic Mantras and Their Meanings)

✨ भूमिका भारत का महापर्व छठ पूजा केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि सूर्य उपासना का अद्भुत विज्ञान है। इस व्रत (छठ पूजा सूर्य उपासना ऋग्वेद मंत्र)में भगवान सूर्य की आराधना, अर्घ्य और स्तुति की जाती है। ऋग्वेद में भी सूर्य को सृष्टि का मूल, आरोग्य और जीवन का आधार बताया गया है। सूर्य की स्तुति

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Lord Nataraja Shiva

देवाधिदेव महादेव – नटराज शिव (Lord of Lords Mahadev – Nataraja Shiva)

नटराज शिव का रहस्य: हिन्दू धर्म के त्रिदेवों में शिव का स्थान अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। यद्यपि उन्हें संहारक या प्रलयकर्ता कहा गया है, परंतु उनके अनन्य उपासक उन्हें सृष्टि और स्थिति का कर्ता भी मानते हैं। शिव को अनुग्रह, प्रसाद और तिरोभाव करने वाला कहा गया है। यही तीन गुण उनकी पंचकृत्य (सृष्टि, स्थिति, संहार, तिरोभाव और अनुग्रह) की

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Ardhnarishwar Bhagwan Shiv

अर्धनारीश्वर भगवान शिव (Ardhnarishwar Bhagwan Shiv) : शिव‑शक्ति के एकत्व का परम रहस्य

अर्धनारीश्वर रूप की स्तुति अर्धनारीश्वर भगवान शिव का रहस्य ( सृष्टि के समय परम पुरुष अपने ही अर्द्धाङ्ग से प्रकृति को निकालकर उसमें समस्त सृष्टि की उत्पत्ति ) अर्धनारीश्वर भगवान् शिवसकलभुवनभूतभावनाभ्यांजननविनाशविहीनविग्रहाभ्याम् ।नरवरयुवतीवपुर्धराभ्यांसततमहं प्रणतोऽस्मि शङ्कराभ्याम् ॥ अर्थात् — जो समस्त भुवनों के प्राणियों को उत्पन्न करनेवाले हैं, जिनका विग्रह जन्म और मृत्यु से रहित है तथा जो

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Vishnu Bhagwan

भगवान् अवतार क्यों लेते हैं (Bhagwan Avtar Kyon Lete hai) | परम ब्रह्मनिष्ठ संत श्री उड़ियाबाबाजी महाराज के उपदेश

✨ भूमिका सनातन धर्म में “अवतार” का अर्थ है — भगवान् का धरती पर मानव रूप में अवतरण ( भगवान् अवतार क्यों लेते हैं )। जब अधर्म बढ़ता है, जब धर्म पर संकट आता है, या जब भक्तों की पुकार असहनीय हो जाती है — तब परमात्मा स्वयं अवतरित होकर संतुलन स्थापित करते हैं।इसी दिव्य

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Mrutsanjeevani Stotra

मृतसञ्जीवनी स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित (Mrutsanjeevani Stotra with Hindi Meaning) : जीवन रक्षक और अमृत कवच

मृतसञ्जीवनी स्तोत्र एक अत्यंत पवित्र और प्रभावशाली स्तोत्र है, जिसे महर्षि वशिष्ठ ने रचा था। यह स्तोत्र भगवान शिव को समर्पित है और उनके कई अनजाने पहलुओं पर प्रकाश डालता है। माना जाता है कि इसका पूर्ण चित्त से पाठ करने वाला व्यक्ति जीवन में किसी भी कष्ट या विपत्ति का सामना नहीं करता। इस

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Ten Divine and Mysterious Creatures of Ancient India

प्राचीन भारत के दस दैवीय और रहस्यमयी प्राणी (Ten Divine and Mysterious Creatures of Ancient India)

🪔 परिचय प्राचीन भारत में भगवान श्रीराम के काल में धरती पर विचित्र और अद्भुत प्राणी पाए जाते थे। इनमें से कई प्रजातियाँ अब लुप्त हो चुकी हैं।कुछ प्राणी ऐसे थे, जो मानवों के समान संवाद कर सकते थे, उड़ सकते थे, और दैवीय शक्तियों से संपन्न थे। इस लेख में हम आपको ऐसे 10

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Lakshmi Ganapati Stotram

लक्ष्मी गणपति स्तोत्रम् | Lakshmi Ganapati Stotram with Hindi Meaning

🪔 परिचय (Introduction) “लक्ष्मी गणपति स्तोत्रम्” एक पवित्र स्तोत्र है जो माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश दोनों की संयुक्त उपासना का श्रेष्ठ माध्यम है।यह पाठ धन, समृद्धि, बुद्धि, विद्या और सभी प्रकार के शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है।जो व्यक्ति श्रद्धा से इसका पाठ करता है, उसके जीवन से विघ्न, दरिद्रता और अशुभता

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श्री भैरव ताण्डव स्तोत्रम् भगवान भैरव का अत्यंत प्रभावशाली और तांत्रिक स्तोत्र है।

श्री भैरव ताण्डव स्तोत्रम् (Shri Bhairava Tandava Stotram) – हिंदी अर्थ सहित

श्री भैरव ताण्डव स्तोत्रम्: श्री भैरव ताण्डव स्तोत्रम् भगवान भैरव का अत्यंत प्रभावशाली और तांत्रिक स्तोत्र है। ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥॥ श्रीउमामहेश्वराभ्यां नमः ॥॥ श्रीगुरवे नमः ॥॥ श्रीभैरवाय नमः ॥ ✨ अथ श्रीभैरवताण्डवस्तोत्रम् ✨ श्लोक १ ॐ चण्डं प्रतिचण्डं करधृतदण्डं कृतरिपुखण्डं सौख्यकरं ।लोकं सुखयन्तं विलसितसन्तं प्रकटितदन्तं नृत्यकरम् ॥डमरुध्वनिशङ्खं तरलवतंसं मधुरहसन्तं लोकभरम् ।भज भज भूतेशं प्रकटमहेशं

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