शिव विष्णु एकत्व

हरिहराभिन्नतावर्णनस्तोत्रम्

मार्कण्डेयप्रोक्तं हरिहराभिन्नतावर्णनस्तोत्रम् – हरि हर एकत्व का दिव्य रहस्य (Markandeyaproktam Hariharaabhinnatavarnana Stotram with Hindi Meaning

🕉️ परिचय | Introduction हरिवंश पुराण के अनुबन्ध पर्व में महर्षि मार्कण्डेय जी द्वारा कहा गया यह स्तोत्र,भगवान विष्णु (हरि) और महेश (हर) के अभिन्न स्वरूप (Eternal Unity) को अत्यंत गूढ़ और सुंदर ढंग से प्रकट करता है। यह स्तोत्र हमें बताता है कि — “यो वै विष्णुः स वै रुद्रो यो रुद्रः स पितामहः।”अर्थात् […]

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श्रीशङ्करनारायण सहस्रनामस्तोत्रम् – हरिहर एकत्व का अद्भुत रहस्य (Shri Shankara-Narayana Sahasranama Stotram – The Divine Mystery of Harihara Oneness)

🌿 परिचय भारतीय सनातन परंपरा में भगवान शिव और विष्णु को दो नहीं, बल्कि एक ही परब्रह्म स्वरूप माना गया है।इसी दिव्य सत्य का गूढ़ उद्घाटन करता है —“श्रीशङ्करनारायण सहस्रनामस्तोत्रम्”, जो हरिहर एकत्व का सर्वोच्च वेदांत रहस्य उजागर करता है। 🔱 हरिहर एकत्व का भाव हरि (विष्णु) और हर (शिव) वास्तव में एक ही ऊर्जा

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