मार्कण्डेयप्रोक्तं हरिहराभिन्नतावर्णनस्तोत्रम् – हरि हर एकत्व का दिव्य रहस्य (Markandeyaproktam Hariharaabhinnatavarnana Stotram with Hindi Meaning
🕉️ परिचय | Introduction हरिवंश पुराण के अनुबन्ध पर्व में महर्षि मार्कण्डेय जी द्वारा कहा गया यह स्तोत्र,भगवान विष्णु (हरि) और महेश (हर) के अभिन्न स्वरूप (Eternal Unity) को अत्यंत गूढ़ और सुंदर ढंग से प्रकट करता है। यह स्तोत्र हमें बताता है कि — “यो वै विष्णुः स वै रुद्रो यो रुद्रः स पितामहः।”अर्थात् […]
