परिचय
श्रीराम और माता सीता का संगम भारतीय संस्कृति और भक्ति का आधार है। राम और सीता की आरती करने से जीवन में दांपत्य सुख, शांति और प्रेम की वृद्धि होती है।
श्री सीताराम आरती माता सीता की भक्ति और श्रीराम के आदर्श स्वरूप का गुणगान करती है। इस आरती का पाठ करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है और घर में पवित्रता का वास होता है।
श्री सीताराम आरती (पूर्ण पाठ)
॥ श्री सीताराम आरती ॥
आसपास सखियाँ सुख दैनी, सजि नव साज सिन्गार सुनैनी,
बीन सितार लिएँ पिकबैनी, गाइ सुराग सुनाओ॥
गाओ गाओ री, प्रियाप्रीतम की आरती गाओ॥
अनुपम छबि धरि दन्पति राजत, नील पीत पट भूषन भ्राजत,
निरखत अगनित रति छबि लाजत, नैनन को फल पाओ॥
गाओ गाओ री, प्रियाप्रीतम की आरती गाओ॥
नीरज नैन चपल चितवन में, रुचिर अरुनिमा सुचि अधरन में,
चन्द्रबदन की मधु मुसकन में निज नयनाँ अरुझाओ॥
गाओ गाओ री, प्रियाप्रीतम की आरती गाओ॥
कंचन थार सँवारि मनोहर, घृत कपूर सुभ बाति ज्योतिकर,
मुरछल चवँर लिएँ रामेस्वर, हरषि सुमन बरसाओ॥
गाओ गाओ री, प्रियाप्रीतम की आरती गाओ॥
श्री सीताराम आरती का महत्व
- दांपत्य सुख और शांति: श्रीराम और माता सीता की आरती करने से घर-परिवार में प्रेम और सुख की वृद्धि होती है।
- भक्ति और पवित्रता: इस आरती से मन शुद्ध होता है और भक्ति की भावना प्रबल होती है।
- समृद्धि और सौभाग्य: आरती के माध्यम से भक्त को सौभाग्य और मंगलफल प्राप्त होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: आरती से घर में पवित्र वातावरण और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
कब करें श्री सीताराम आरती?
- प्रतिदिन सुबह-शाम पूजा के समय।
- विशेष अवसरों जैसे रामनवमी, विवाह पर्व, दीपावली और श्रीराम कथा में।
- पारिवारिक सुख और प्रेम की वृद्धि हेतु।
FAQ – Frequently Asked Questions
Q1: श्री सीताराम आरती का पाठ कब करना चाहिए?
👉 इसे सुबह और शाम पूजा के समय करना सबसे शुभ है।
Q2: क्या इस आरती का पाठ घर में विवाह या मांगलिक कार्यों पर किया जा सकता है?
👉 हाँ, यह आरती विवाह और शुभ अवसरों पर करना विशेष फलदायी माना जाता है।
Q3: श्री सीताराम आरती का महत्व क्या है?
👉 यह आरती परिवार में शांति, सौभाग्य और प्रेम लाती है।