परिचय
भगवान श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम, दीनबंधु और धर्म के प्रतीक हैं। उनकी आराधना करने से जीवन में साहस, शांति और भक्ति की शक्ति प्राप्त होती है।
श्री राम रघुवीर आरती तुलसीदास जी की रचना है, जो श्रीराम के दिव्य स्वरूप, करुणा और ज्ञान का स्मरण कराती है। इस आरती का पाठ करने से मन के दुख दूर होते हैं और भक्त को आनंद और मोक्ष का मार्ग प्राप्त होता है।
श्री राम रघुवीर आरती (पूर्ण पाठ)
॥ श्री राम रघुवीर आरती ॥
ऐसी आरती राम रघुबीर की करहि मन।
हरण दुखदुन्द गोविन्द आनन्दघन॥
ऐसी आरती राम रघुबीर की करहि मन॥
अचर चर रुप हरि, सर्वगत, सर्वदा
बसत, इति बासना धूप दीजै।
दीप निजबोधगत कोह-मद-मोह-तम
प्रौढ़ अभिमान चित्तवृत्ति छीजै॥
ऐसी आरती राम रघुबीर की करहि मन॥
भाव अतिशय विशद प्रवर नैवेद्य शुभ
श्रीरमण परम सन्तोषकारी।
प्रेम-ताम्बूल गत शूल सन्शय सकल,
विपुल भव-बासना-बीजहारी॥
ऐसी आरती राम रघुबीर की करहि मन॥
अशुभ-शुभ कर्म घृतपूर्ण दशवर्तिका,
त्याग पावक, सतोगुण प्रकासं।
भक्ति-वैराग्य-विज्ञान दीपावली,
अर्पि नीराजनं जगनिवासं॥
ऐसी आरती राम रघुबीर की करहि मन॥
बिमल हृदि-भवन कृत शान्ति-पर्यंक शुभ,
शयन विश्राम श्रीरामराया।
क्षमा-करुणा प्रमुख तत्र परिचारिका,
यत्र हरि तत्र नहिं भेद-माया॥
ऐसी आरती राम रघुबीर की करहि मन॥
आरती-निरत सनकादि, श्रुति, शेष, शिव,
देवरिषि, अखिलमुनि तत्त्व-दरसी।
करै सोइ तरै, परिहरै कामादि मल,
वदति इति अमलमति दास तुलसी॥
ऐसी आरती राम रघुबीर की करहि मन॥
श्री राम रघुवीर आरती का महत्व
- दुख हरने वाली: इस आरती से मानसिक क्लेश और शोक दूर होते हैं।
- ज्ञान और भक्ति का संगम: तुलसीदास जी ने इसमें भक्ति, वैराग्य और ज्ञान को विशेष रूप से रेखांकित किया है।
- घर में शांति और सुख: नियमित पाठ से घर में सकारात्मक ऊर्जा और आनंद का वातावरण बनता है।
- मोक्ष की राह: भक्त के चित्त से मोह, क्रोध और अहंकार का नाश होता है।
कब करें श्री राम रघुवीर आरती?
- प्रतिदिन सुबह और शाम श्रीराम की पूजा के समय।
- विशेष पर्व जैसे रामनवमी, दशहरा, दीपावली पर।
- रामचरितमानस पाठ या श्रीराम कथा के समापन पर।
FAQ – Frequently Asked Questions
Q1: श्री राम रघुवीर आरती किसने लिखी है?
👉 यह आरती गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित है।
Q2: इस आरती का पाठ करने से क्या लाभ होता है?
👉 मन के दुख दूर होते हैं, भक्ति और ज्ञान की प्राप्ति होती है और घर में सुख-शांति आती है।
Q3: क्या इसे घर पर गाया जा सकता है?
👉 हाँ, दीपक और धूप के साथ श्रद्धा से इसे घर पर गाना अत्यंत शुभ है।