✨ परिचय
भगवान श्री कृष्ण, जिन्हें जगत के पालनहार और प्रेम के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है, उनकी आरती गाने से मन को शांति, भक्ति और दिव्य आनंद की अनुभूति होती है। श्रीकृष्ण की आरती न केवल भक्ति मार्ग को सरल बनाती है, बल्कि भक्तों के सभी दुःख और संकट दूर करके जीवन में सुख, समृद्धि और संतोष प्रदान करती है।
इस पोस्ट में हम आपको श्री कृष्ण जी की आरती (Om Jai Shri Krishna Hare Aarti in Hindi) के शब्द प्रस्तुत कर रहे हैं। इसे भक्तिपूर्वक गाने से आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा और कृपा का वास होता है।
🙏 श्री कृष्ण जी की आरती 🙏
ॐ जय श्री कृष्ण हरे, प्रभु जय श्री कृष्ण हरे।
भक्तन के दुख टारे, पल में दूर करे॥
जय जय श्री कृष्ण हरे ॥
परमानन्द मुरारी, मोहन गिरधारी।
जय रस रास बिहारी, जय जय गिरधारी॥
जय जय श्री कृष्ण हरे ॥
कर कंचन कटि कंचन, श्रुति कुंड़ल माला।
मोर मुकुट पीताम्बर, सोहे बनमाला॥
जय जय श्री कृष्ण हरे ॥
दीन सुदामा तारे, दरिद्र दुख टारे।
जग के फंद छुड़ाए, भवसागर तारे॥
जय जय श्री कृष्ण हरे ॥
हिरण्यकश्यप संहारे, नरहरि रूप धरे।
पाहन से प्रभु प्रगटे, जन के बीच पड़े॥
जय जय श्री कृष्ण हरे ॥
केशी कंस विदारे, नर कूबर तारे।
दामोदर छवि सुंदर, भगतन रखवारे॥
जय जय श्री कृष्ण हरे ॥
काली नाग नथैया, नटवर छवि सोहे।
फन-फन चढ़त ही नागन, नागन मन मोहे॥
जय जय श्री कृष्ण हरे ॥
राज्य विभीषण थापे, सीता शोक हरे।
द्रुपद सुता पत राखी, करुणा लाज भरे॥
जय जय श्री कृष्ण हरे ॥
ॐ जय श्री कृष्ण हरे॥
🌼 श्री कृष्ण जी की आरती का महत्व
- श्रीकृष्ण जी की आरती करने से घर-परिवार में सुख-शांति का वास होता है।
- यह आरती सभी प्रकार के संकटों और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है।
- भक्ति भाव से गाई गई आरती से जीवन में प्रेम, आनंद और समृद्धि का संचार होता है।
- भक्त के मन को भक्ति मार्ग में दृढ़ता और आत्मविश्वास मिलता है।
📌 निष्कर्ष
श्रीकृष्ण जी की आरती गाना या सुनना, भक्तों को ईश्वर की कृपा प्राप्त करने का सरल मार्ग है। यदि आप अपने जीवन में शांति, समृद्धि और प्रेम चाहते हैं तो प्रतिदिन या विशेष अवसरों पर श्रीकृष्ण जी की आरती का गान करें।
जय श्री कृष्ण हरे! 🌸🕉️
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