परिचय
भगवान श्रीराम और माता सीता भारतीय संस्कृति और भक्ति परंपरा के केंद्र हैं। उनकी आरती करने से जीवन में शांति, भक्ति और मोक्ष की राह सुलभ होती है।
श्री जानकीनाथ आरती में भगवान राम-सीता की स्तुति करते हुए भक्त प्रभु से अपनी पीड़ा और प्रार्थनाएँ रखते हैं। इसका पाठ करने से दुखों का नाश और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
श्री जानकीनाथ आरती (पूर्ण पाठ)
॥ श्री जानकीनाथ आरती ॥
जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा।
दोउ कर जोरें बिनवौं, प्रभु! सुनिये बाता॥
जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥
तुम रघुनाथ हमारे प्रान, पिता माता।
तुम ही सज्जन-सङ्गी भक्ति मुक्ति दाता॥
जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥
लख चौरासी काटो, मेटो यम त्रासा।
निसिदिन प्रभु मोहि रखिये अपने ही पासा॥
जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥
राम भरत लछिमन संग शत्रुहन भैया।
जगमग ज्योति विराजै, शोभा अति लहिया॥
जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥
हनुमत नाद बजावत, नेवर झमकाता।
स्वर्ण थाल कर आरती कौशल्या माता॥
जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥
सुभग मुकुट सिर, धनु सर कर सोभा भारी।
मनीराम दर्शन करि पल-पल बलिहारी॥
जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥
जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा।
दोउ कर जोरें बिनवौं, प्रभु! सुनिये बाता॥
जय जानकीनाथा, जय श्रीरघुनाथा॥
श्री जानकीनाथ आरती का महत्व
- मुक्ति और भक्ति की प्राप्ति: इस आरती का पाठ करने से जन्म-मरण के बंधन कम होते हैं।
- दुख और भय का नाश: प्रभु से प्रार्थना करने पर जीवन के संकट दूर होते हैं।
- सुख-समृद्धि और सौभाग्य: श्रीराम-सीता की कृपा से घर में मंगल और शांति का वास होता है।
- परिवार में एकता: आरती के पाठ से दांपत्य और पारिवारिक जीवन सुखमय होता है।
कब करें श्री जानकीनाथ आरती?
- प्रतिदिन प्रातः और संध्या के समय।
- विशेष अवसरों पर जैसे रामनवमी, विवाह पर्व, दीपावली और श्रीराम कथा।
- जब जीवन में मानसिक शांति और प्रभु की कृपा की आवश्यकता हो।
FAQ – Frequently Asked Questions
Q1: श्री जानकीनाथ आरती किसकी है?
👉 यह आरती भगवान श्रीराम और माता सीता की स्तुति में गाई जाती है।
Q2: क्या यह आरती घर पर गा सकते हैं?
👉 हाँ, श्रद्धा और भक्ति से घर या मंदिर में इसे गाना अत्यंत शुभ होता है।
Q3: श्री जानकीनाथ आरती का पाठ करने से क्या लाभ मिलता है?
👉 इससे दुख दूर होते हैं, भय मिटता है और जीवन में सुख-शांति आती है।