परिचय
सनातन धर्म में भगवान हनुमानजी को संकटमोचन, रणधीर और अजर-अमर बलवान माना गया है। मेहंदीपुर बालाजी (राजस्थान) और अन्य हनुमान मंदिरों में उनकी आरती विशेष श्रद्धा से गाई जाती है। यह आरती “ॐ जय हनुमत वीरा” के रूप में प्रसिद्ध है।
श्री बालाजी की आरती गाने से मनुष्य के जीवन से दुःख, दरिद्रता और संकट दूर होते हैं तथा भक्त को आत्मबल और दिव्य ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
श्री बालाजी आरती (पूर्ण पाठ)
॥ श्री बालाजी आरती ॥
ॐ जय हनुमत वीरास्वामी जय हनुमत वीरा।
संकट मोचन स्वामी तुम हो रणधीरा॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥
पवन-पुत्र अंजनी-सुत महिमा अति भारी।
दुःख दरिद्र मिटाओ संकट सब हारी॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥
बाल समय में तुमने रवि को भक्ष लियो।
देवन स्तुति कीन्ही तब ही छोड़ दियो॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥
कपि सुग्रीव राम संग मैत्री करवाई।
बाली बली मराय कपीसहिं गद्दी दिलवाई॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥
जारि लंक को ले सिय की सुधि वानर हर्षाये।
कारज कठिन सुधारे रघुवर मन भाये॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥
शक्ति लगी लक्ष्मण के भारी सोच भयो।
लाय संजीवन बूटी दुःख सब दूर कियो॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥
ले पाताल अहिरावण जबहि पैठि गयो।
ताहि मारि प्रभु लाये जय जयकार भयो॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥
घाटे मेहंदीपुर में शोभित दर्शन अति भारी।
मंगल और शनिश्चर मेला है जारी॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥
श्री बालाजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत इन्द्र हर्षित मन वांछित फल पावे॥
ॐ जय हनुमत वीरा…॥
श्री बालाजी आरती का महत्व
- संकटमोचन बल – इस आरती के पाठ से भक्त के जीवन से सभी संकट दूर होते हैं।
- दरिद्रता का नाश – आर्थिक और मानसिक कष्ट मिटते हैं।
- आत्मबल और विश्वास – हनुमानजी की आरती से व्यक्ति को साहस, शक्ति और आत्मविश्वास मिलता है।
- शनि दोष शांति – बालाजी की आरती शनि और अन्य ग्रहदोष को भी शांत करती है।
- भक्ति और शांति – यह आरती मन को एकाग्र करती है और अध्यात्मिक शांति प्रदान करती है।
कब और कैसे करें श्री बालाजी आरती?
- प्रातःकाल और संध्याकाल श्री हनुमानजी की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और धूप जलाकर आरती करें।
- मंगलवार और शनिवार विशेष फलदायी माने जाते हैं।
- भक्तों का विश्वास है कि बालाजी आरती का नियमित पाठ जीवन के सभी भय और बाधाओं को समाप्त करता है।
FAQ – श्री बालाजी आरती
Q1: श्री बालाजी आरती किसे कहते हैं?
👉 श्री बालाजी आरती “ॐ जय हनुमत वीरा” के नाम से जानी जाती है। यह मेहंदीपुर बालाजी और हनुमान मंदिरों में गाई जाती है।
Q2: बालाजी आरती करने का सही समय क्या है?
👉 सुबह सूर्योदय के बाद और शाम को सूर्यास्त के समय आरती करना उत्तम माना जाता है।
Q3: बालाजी आरती से क्या लाभ होता है?
👉 इस आरती से संकट दूर होते हैं, दरिद्रता मिटती है और शनि दोष शांत होते हैं।
Q4: क्या बालाजी आरती रोज करनी चाहिए?
👉 हाँ, रोजाना या कम से कम मंगलवार और शनिवार को आरती करने से विशेष लाभ मिलता है।