Pitru Dosh Nivaran Hanuman Mantra

पितृदोष निवारण हेतु हनुमान मंत्र (Pitru Dosh Nivaran Hanuman Mantra) | Powerful Hanuman Mantra to Remove Pitru Dosh, Grah Dosh & Life Obstacles

🌺 परिचय (Introduction)

पितृदोष निवारण हनुमान मंत्र : हिंदू धर्मग्रंथों में बताया गया है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृदोष या ग्रहदोष विद्यमान हो, तो जीवन में निरंतर बाधाएँ, धन की हानि, कार्यों में रुकावटें, और मानसिक अशांति बनी रहती है।
ऐसी स्थिति में हनुमानजी का यह अत्यंत शक्तिशाली पितृदोष निवारण मंत्र सिद्ध उपाय के रूप में कार्य करता है।

इस मंत्र का नियमित 21 बार जप करने से —

  • पितृदोष और ग्रहदोष समाप्त होते हैं।
  • रुके हुए कार्य सिद्ध होते हैं।
  • जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

🕉️ पाठ विधि (How to Chant This Mantra Properly)

🔸 प्रतिदिन प्रातः 7 से 9 बजे या रात्रि 10 बजे के बीच जप करें।
🔸 श्री हनुमान जी के विग्रह (प्रतिमा) के सामने मदार की वर्तिका (wick) से चमेली के तेल का दीपक जलाएं।
🔸 मंत्र का 21 बार जप करें।
🔸 पाठ के बाद हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का एक अंश पढ़ना अत्यंत शुभ होता है।


🌞 पितृदोषबाधानाश हेतु हनुमानमन्त्र

(Pitru Dosh Nivaran Hanuman Mantra in Sanskrit)


🪔
ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय वायु सुताय अञ्जनी गर्भ सम्भुताय अखण्ड ब्रह्मचर्य व्रत पालन तत्पराय धवली कृत जगत् त्रितयाया ज्वलदग्नि सूर्यकोटी समप्रभाय प्रकट पराक्रमाय आक्रान्त दिग् मण्डलाय यशोवितानाय यशोऽलंकृताय शोभिताननाय महा सामर्थ्याय महा तेज पुञ्ज: विराजमानाय श्रीराम भक्ति तत्पराय श्रिराम लक्ष्मणानन्द कारकाय कपिसैन्य प्राकाराय सुग्रीव सौख्य कारणाय सुग्रीव साहाय्य कारणाय ब्रह्मास्त्र ब्रह्म शक्ति ग्रसनाय लक्ष्मण शक्ति भेद निबारणाय शल्य लिशल्यौषधि समानयनाय बालोदित भानु मण्डल ग्रसनाय अक्षयकुमार छेदनाय वन रक्षाकर समूह विभञ्जनाय द्रोण पर्वतोत्पाटनाय स्वामि वचन सम्पादितार्जुन संयुग संग्रामाय गम्भिर शव्दोदयाय दक्षिणाशा मार्तण्डाय मेरूपर्वत पीठिकार्चनाय दावानल कालाग्नी रूद्राय समुद्र लङ्घनाय सीताऽऽश्वासनाय सीता रक्षकाय राक्षसी सङ्घ विदारणाय अशोकबन विदारणाय लङ्कापुरी दहनाय दश ग्रीव शिर:कृन्त्तकाय कुम्भकर्णादि वधकारणाय बालि निबर्हण कारणाय मेघनादहोम विध्वंसनाय इन्द्रजीत वध कारणाय सर्व शास्त्र पारङ्गताय सर्व ग्रह विनाशकाय सर्व ज्वर हराय सर्व भय निवारणाय सर्व कष्ट निवारणाय सर्वापत्ती निवारणाय सर्व दुष्टादि निबर्हणाय सर्व शत्रुच्छेदनाय भूत प्रेत पिशाच डाकिनी शाकिनी ध्वंसकाय सर्वकार्य साधकाय प्राणीमात्र रक्षकाय रामदुताय स्वाहा॥


💫 मंत्र का प्रभाव (Spiritual Benefits of Chanting This Mantra)

🌿 यह मंत्र पितृदोष और ग्रहदोष का संपूर्ण नाश करता है।
🔥 सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, भय, रोग और कष्ट दूर करता है।
🪔 रुके हुए कार्य, नौकरी, व्यवसाय में सफलता दिलाता है।
💰 धन, समृद्धि और स्थिरता की प्राप्ति होती है।
🛡️ भूत-प्रेत, पिशाच और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है।
🙏 जीवन में आत्मिक शांति और दिव्य शक्ति का अनुभव होता है।


🌻 महत्वपूर्ण सुझाव (Important Tips)

  • मंगलवार और शनिवार को यह जप अधिक फलदायी होता है।
  • हनुमान जी को गुड़ और चने का भोग लगाएं।
  • शुद्ध स्थान और पवित्र मन से जप करें।
  • “जय बजरंगबली!” बोलकर आरंभ करें और समापन पर आरती करें।

📿 संक्षेप में (Summary)

जो व्यक्ति इस पवित्र हनुमान मंत्र का विधिपूर्वक पाठ करता है, उसके जीवन से सभी दोष और संकट दूर होकर सफलता, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
यह मंत्र पितृदोष, ग्रहदोष, शत्रु दोष, और भय निवारण का अचूक उपाय है।

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