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मासिक शिवरात्रि व्रत: पूजा विधि, महत्व और नियम (Masik Shivratri Varat)

Masik Shivratri

मासिक शिवरात्रि व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से विवाह में आ रही बाधाएँ दूर होती हैं और मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है।


मासिक शिवरात्रि व्रत का महत्व

मासिक शिवरात्रि व्रत केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन के लिए भी बेहद फलदायी माना गया है।


मासिक शिवरात्रि व्रत-पूजन विधि

1. स्नान और संकल्प

2. शिवलिंग पूजा

3. भोग लगाना

4. मंत्र जाप और आरती

5. चार पहर की पूजा

6. व्रत खोलना


मासिक शिवरात्रि व्रत के नियम

  1. व्रत के दिन अन्न का सेवन न करें, केवल फलाहार करें।
  2. ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  3. किसी की निंदा, बुराई या बुरा विचार न करें।
  4. घर के मंदिर में दीपक जलाकर पूजा करें।

निष्कर्ष

मासिक शिवरात्रि व्रत करने से जीवन में आने वाली हर समस्या का समाधान होता है। यह व्रत विवाह योग्य कन्याओं के लिए अत्यंत शुभकारी माना जाता है और परिवार में सुख-शांति लाता है। भगवान शिव की कृपा पाने और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए यह व्रत अवश्य करना चाहिए।

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