🌷 परिचय (Introduction)
श्री स्वर्ण महालक्ष्मी सहस्त्रनामावली माँ लक्ष्मी के स्वर्णमयी स्वरूप की एक दिव्य सहस्त्र नाम स्तुति है, जिसमें देवी के एक हजार पवित्र नामों का वर्णन किया गया है।
यह सहस्त्रनामावली विशेष रूप से धन, सौभाग्य, समृद्धि और ऋणमुक्ति के लिए जानी जाती है।
जो भक्त प्रतिदिन या शुक्रवार को श्रद्धा भाव से इसका पाठ करता है, उसके जीवन में दरिद्रता, आर्थिक संकट और असफलता का अंत हो जाता है, और स्थिर लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
🕉️ श्री स्वर्ण महालक्ष्मी सहस्त्रनामावली पाठ का महत्व (Significance)
- धन और सुख-समृद्धि का मार्ग खोलती है।
- घर-परिवार में लक्ष्मी की स्थिरता बढ़ाती है।
- ऋण, दरिद्रता और ग्रह दोष को नष्ट करती है।
- व्यापार, नौकरी, करियर में उन्नति लाती है।
- मन को शांति और आत्मिक शक्ति देती है।
🪔 पाठ विधि (How to Recite Swarna Mahalakshmi Sahasranamavali)
- सुबह स्नान कर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- माँ लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र को स्वच्छ पीले वस्त्र में स्थापित करें।
- दीपक जलाकर धूप, पुष्प, चावल और नैवेद्य अर्पित करें।
- “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जप करें।
- अब श्रद्धा और भक्ति से श्री स्वर्ण महालक्ष्मी सहस्त्रनामावली का पाठ करें।
🌼 श्री स्वर्ण महालक्ष्मी सहस्त्रनामावली (मूल पाठ)
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं मम गृहं सुवर्णमहालक्ष्मी आगच्छतु ह्रीं ह्रीं ह्रीं नमः ॥
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं
स्वर्णमहावासिन्यै धनसृजनकारिण्यै स्वर्णावती,
स्वर्णलक्ष्मी, स्वर्णेश्वरी ह्रां ह्रीं ह्रूं दारिद्र्य,
ऋण, अभाव नाशिन्यै सर्वलोकेश्वरी,
महालक्ष्मी, स्वर्णवासिन्यै मम गृहे धनवृष्टि कुरू कुरू नमः
श्रीं ह्रीं ऐं ॐ
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं स्वर्णेश्वर्यै नमः।
ॐ नमो नारायणाय स्वर्णेश्वर महालक्ष्म्यै च नमः॥
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वर्णेश्वर्यै नमः।
ॐ श्री विष्णवे नमः।
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वर्णेश्वर्यै नमः।
स्तुति
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वर्णेश्वर्यै महालक्ष्म्यै वैभवप्रदायिन्यै च।
विष्णुसहस्रनामविभूषितायै धनमंगलप्रदायिन्यै च।
सर्वसंपदां स्वीकुरु माम्।
ऋणमोचनं कुरु, धनप्राप्त्यै।
स्वर्णपद्मनिभं देहि मां।
विष्णुचरणारविंदे स्थितां।
सर्वलोकेश्वरी, स्वर्णेश्वरी, सर्वकार्यसिद्धिकरिणी।
मम गृहे धनवृष्टि कुरु, धनसंपदा एव मम संपूर्णा।
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं स्वर्णेश्वर्यै महालक्ष्म्यै नमः।
॥ श्री स्वर्ण महालक्ष्मी सहस्त्रनामावली ॥
ॐ स्वर्णलक्ष्म्यै नमः
ॐ भाग्यलक्ष्म्यै नमः
ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नमः
ॐ समृद्धिलक्ष्म्यै नमः
ॐ श्रीलक्ष्म्यै नमः
ॐ कल्याणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ मङ्गललक्ष्म्यै नमः
ॐ पद्मलक्ष्म्यै नमः
ॐ रत्नलक्ष्म्यै नमः
ॐ अभयलक्ष्म्यै नमः 10
ॐ सौम्यलक्ष्म्यै नमः
ॐ संकल्पलक्ष्म्यै नमः
ॐ दृढलक्ष्म्यै नमः
ॐ जयन्तीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सिद्धलक्ष्म्यै नमः
ॐ विभूलक्ष्म्यै नमः
ॐ कामिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ रमालक्ष्म्यै नमः
ॐ शिवालक्ष्म्यै नमः
ॐ वाणीलक्ष्म्यै नमः 20
ॐ क्षमालक्ष्म्यै नमः
ॐ तुष्टिलक्ष्म्यै नमः
ॐ पूर्तिलक्ष्म्यै नमः
ॐ पूर्णलक्ष्म्यै नमः
ॐ रूपिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ शान्तिलक्ष्म्यै नमः
ॐ धी लक्षण्यै नमः
ॐ मेधालक्ष्म्यै नमः
ॐ कीर्तिलक्ष्म्यै नमः
ॐ पुष्टिलक्ष्म्यै नमः 30
ॐ सुरभिलक्ष्म्यै नमः
ॐ श्रेयालक्ष्म्यै नमः
ॐ धर्मलक्ष्म्यै नमः
ॐ आरोग्यलक्ष्म्यै नमः
ॐ आर्यालक्ष्म्यै नमः
ॐ रक्षालक्ष्म्यै नमः
ॐ तेजस्विनी लक्ष्म्यै नमः
ॐ तपस्विनी लक्ष्म्यै नमः
ॐ आद्यालक्ष्म्यै नमः
ॐ भद्रालक्ष्म्यै नमः 40
ॐ विद्युल्लक्ष्म्यै नमः
ॐ द्रव्यलक्ष्म्यै नमः
ॐ कुबेरलक्ष्म्यै नमः
ॐ जयलक्ष्म्यै नमः
ॐ ऐश्वर्यलक्ष्म्यै नमः
ॐ महासंपतलक्ष्म्यै नमः
ॐ चन्द्रवदनालक्ष्म्यै नमः
ॐ हंसवाहिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ हरिप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णकान्तिलक्ष्म्यै नमः 50
ॐ हरिद्राचूड़ामणिलक्ष्म्यै नमः
ॐ भव्यालक्ष्म्यै नमः
ॐ पुण्यलक्ष्म्यै नमः
ॐ महासिद्धिलक्ष्म्यै नमः
ॐ पवित्रलक्ष्म्यै नमः
ॐ अर्चितलक्ष्म्यै नमः
ॐ प्रभालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुभगालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वयम्भूलक्ष्म्यै नमः
ॐ कमलवदनालक्ष्म्यै नमः 60
ॐ दीपशोभितालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकधारालक्ष्म्यै नमः
ॐ महामायालक्ष्म्यै नमः
ॐ शारदालक्ष्म्यै नमः
ॐ मातृकालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुमंगललक्ष्म्यै नमः
ॐ सुदर्शनालक्ष्म्यै नमः
ॐ चन्द्ररूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ कौमुदीलक्ष्म्यै नमः
ॐ राजराजेश्वरीलक्ष्म्यै नमः 70
ॐ महालक्ष्म्यै नमः
ॐ हरिप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ वनश्रीलक्ष्म्यै नमः
ॐ ऋद्धिलक्ष्म्यै नमः
ॐ सिद्धिलक्ष्म्यै नमः
ॐ यशस्विनी लक्ष्म्यै नमः
ॐ प्रजाधारिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ गृहेश्वरिलक्ष्म्यै नमः
ॐ योगलक्ष्म्यै नमः
ॐ जयश्रीलक्ष्म्यै नमः 80
ॐ सदाशुभालक्ष्म्यै नमः
ॐ निधिप्रदालक्ष्म्यै नमः
ॐ अष्टलक्ष्म्यै नमः
ॐ ब्रह्मशक्तिलक्ष्म्यै नमः
ॐ क्षेमप्रदालक्ष्म्यै नमः
ॐ सिद्धलक्ष्म्यै नमः
ॐ सर्वमंगलालक्ष्म्यै नमः
ॐ कालकान्तिलक्ष्म्यै नमः
ॐ अमृतालक्ष्म्यै नमः
ॐ भूप्रदालक्ष्म्यै नमः 90
ॐ वाहनप्रदालक्ष्म्यै नमः
ॐ गृहलक्ष्म्यै नमः
ॐ मातृरूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ शुद्धालक्ष्म्यै नमः
ॐ विमलालक्ष्म्यै नमः
ॐ महामणिलक्ष्म्यै नमः
ॐ महादेवी लक्ष्म्यै नमः
ॐ महाश्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ हरिद्रावर्णालक्ष्म्यै नमः
ॐ भास्करी लक्ष्म्यै नमः 100
ॐ शक्रप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ कांतारूपलक्ष्म्यै नमः
ॐ वनलक्ष्म्यै नमः
ॐ निर्झरिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ तपस्विनी लक्ष्म्यै नमः
ॐ सप्तच्छदी लक्ष्म्यै नमः
ॐ गौरीलक्ष्म्यै नमः
ॐ वरदायिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ दीपलक्ष्म्यै नमः
ॐ करुणारूपलक्ष्म्यै नमः 110
ॐ चन्द्रलतालक्ष्म्यै नमः
ॐ नन्दिनी लक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवासिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ मणिदीप्तिलक्ष्म्यै नमः
ॐ चित्रलेखालक्ष्म्यै नमः
ॐ चक्रलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्फटिकाभालक्ष्म्यै नमः
ॐ विश्वरूपलक्ष्म्यै नमः
ॐ देवमातालक्ष्म्यै नमः
ॐ हिरण्यवर्णालक्ष्म्यै नमः 120
ॐ चतुर्मुखप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ वेदगर्भालक्ष्म्यै नमः
ॐ शुभदालक्ष्म्यै नमः
ॐ मातंगिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ महामञ्जूषालक्ष्म्यै नमः
ॐ शक्रवंदितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सोमरूपलक्ष्म्यै नमः
ॐ नवयौवनालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकाभरणालक्ष्म्यै नमः
ॐ जयप्रदालक्ष्म्यै नमः 130
ॐ धनप्रदालक्ष्म्यै नमः
ॐ कलानिधिलक्ष्म्यै नमः
ॐ योगमायालक्ष्म्यै नमः
ॐ अर्चिताङ्घ्रिलक्ष्म्यै नमः
ॐ त्रैलोक्यपूजितालक्ष्म्यै नमः
ॐ गन्धर्वसेवितालक्ष्म्यै नमः
ॐ वसुधालक्ष्म्यै नमः
ॐ वसुधारिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ चिन्मयरूपलक्ष्म्यै नमः
ॐ नारायणप्रियालक्ष्म्यै नमः 140
ॐ महेश्वरप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ ब्रह्मविद्यालक्ष्म्यै नमः
ॐ परात्परालक्ष्म्यै नमः
ॐ अम्बिकलक्ष्म्यै नमः
ॐ महामायालक्ष्म्यै नमः
ॐ सौरभिलक्ष्म्यै नमः
ॐ ज्योतिष्मतीलक्ष्म्यै नमः
ॐ आदिशक्तिलक्ष्म्यै नमः
ॐ अनन्तालक्ष्म्यै नमः
ॐ आत्मलक्ष्म्यै नमः 150
ॐ विश्वलक्ष्म्यै नमः
ॐ पवित्रलक्ष्म्यै नमः
ॐ धर्मलक्ष्म्यै नमः
ॐ शुभलक्ष्म्यै नमः
ॐ मातुलक्ष्म्यै नमः
ॐ योगिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ विद्यालक्ष्म्यै नमः
ॐ गीतिलक्ष्म्यै नमः
ॐ नृत्यलक्ष्म्यै नमः
ॐ महाकान्तिलक्ष्म्यै नमः 160
ॐ कनकवर्षिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्तुतिप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ नारदपूजितालक्ष्म्यै नमः
ॐ शरच्चन्द्रालक्ष्म्यै नमः
ॐ अम्लानफलालक्ष्म्यै नमः
ॐ नारायणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ पद्मिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ पुण्यरूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ हंसगामिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ देवीशक्तिरूपलक्ष्म्यै नमः 170
ॐ दक्षप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ तपोमयी लक्ष्म्यै नमः
ॐ जगन्मातालक्ष्म्यै नमः
ॐ द्रव्यवती लक्ष्म्यै नमः
ॐ भोगप्रदालक्ष्म्यै नमः
ॐ भक्तवत्सलालक्ष्म्यै नमः
ॐ विश्वपूजितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णदात्री लक्ष्म्यै नमः
ॐ कौशल्यप्रदालक्ष्म्यै नमः
ॐ रत्नदीपालक्ष्म्यै नमः 180
ॐ हरिद्राभालक्ष्म्यै नमः
ॐ चित्ररथप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ ब्रह्माणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ शताक्षीलक्ष्म्यै नमः
ॐ श्रीकर्णपूरितालक्ष्म्यै नमः
ॐ हेमसिंहासनस्थालक्ष्म्यै नमः
ॐ कामधेनुलक्ष्म्यै नमः
ॐ कल्पलतालक्ष्म्यै नमः
ॐ श्रीफलप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ संकल्पमयीलक्ष्म्यै नमः 190
ॐ ध्यानरूपलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णपात्रालक्ष्म्यै नमः
ॐ चन्द्रिकलक्ष्म्यै नमः
ॐ त्रैलोक्यमातालक्ष्म्यै नमः
ॐ दीपशिखारूपलक्ष्म्यै नमः
ॐ मङ्गलप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ गोमातालक्ष्म्यै नमः
ॐ कामिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ अनुकम्पीतालक्ष्म्यै नमः
ॐ विश्वचिन्तालक्ष्म्यै नमः 200
ॐ कामदालक्ष्म्यै नमः
ॐ कल्याणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ रत्नमालीनिलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुरचितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सिद्धलक्ष्म्यै नमः
ॐ रत्नलक्ष्म्यै नमः
ॐ अम्बुरूहालक्ष्म्यै नमः
ॐ हरिप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ धर्मपत्नी लक्ष्म्यै नमः
ॐ दीपावलीप्रियालक्ष्म्यै नमः 210
ॐ यज्ञप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ अग्न्यर्चितालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकमूलालक्ष्म्यै नमः
ॐ शंकरार्चितालक्ष्म्यै नमः
ॐ शुभाङ्गालक्ष्म्यै नमः
ॐ भास्वराङ्गालक्ष्म्यै नमः
ॐ पद्मिनीप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ दुग्धरूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ कर्पूरलेपनालक्ष्म्यै नमः
ॐ सिन्दूरप्रीतालक्ष्म्यै नमः 220
ॐ त्रिकालज्ञालक्ष्म्यै नमः
ॐ धन्यालक्ष्म्यै नमः
ॐ पूर्णकामदालक्ष्म्यै नमः
ॐ चन्द्रवदनालक्ष्म्यै नमः
ॐ मोहिनी लक्ष्म्यै नमः
ॐ मङ्गलदायिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ हरिपदप्रीतालक्ष्म्यै नमः
ॐ पीताम्बरालक्ष्म्यै नमः
ॐ हिरण्यलतालक्ष्म्यै नमः
ॐ दिव्याननालक्ष्म्यै नमः 230
ॐ सूर्यकान्तिलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णकमलालक्ष्म्यै नमः
ॐ कामरूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ भगवतिलक्ष्म्यै नमः
ॐ श्रीराज्ञीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सत्यरूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ योगमयीलक्ष्म्यै नमः
ॐ ब्रह्मस्वरूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ आद्याशक्तिलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकवदनालक्ष्म्यै नमः 240
ॐ देवप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ चन्द्रकलाधरालक्ष्म्यै नमः
ॐ कमलासनालक्ष्म्यै नमः
ॐ महामणिरूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ नवधातुरूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णगात्रालक्ष्म्यै नमः
ॐ कांतियुक्तालक्ष्म्यै नमः
ॐ तपस्विनीनुतालक्ष्म्यै नमः
ॐ विश्ववन्दितालक्ष्म्यै नमः
ॐ राजराजेश्वरीलक्ष्म्यै नमः 250
ॐ यशस्विनी लक्ष्म्यै नमः
ॐ नित्यपुष्टालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णकमलिनी लक्ष्म्यै नमः
ॐ गोमयी लक्ष्म्यै नमः
ॐ सत्यवती लक्ष्म्यै नमः
ॐ चन्द्रमुखीलक्ष्म्यै नमः
ॐ कर्पूरगौराङ्गीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सर्वदुःखहन्त्रालक्ष्म्यै नमः
ॐ अदितिलक्ष्म्यै नमः
ॐ अर्चिष्मती लक्ष्म्यै नमः 260
ॐ सुपुष्टालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुमंगलप्रदालक्ष्म्यै नमः
ॐ अभयप्रदालक्ष्म्यै नमः
ॐ शिवानुजलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुरसेवितालक्ष्म्यै नमः
ॐ ब्रह्मचारिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ हवनप्रियाङ्गालक्ष्म्यै नमः
ॐ ज्वालामालिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ अनन्तगुणालक्ष्म्यै नमः
ॐ सन्तानदालक्ष्म्यै नमः 270
ॐ पवित्रकान्तिलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णलतारूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ यशोदालक्ष्म्यै नमः
ॐ लावण्यदालक्ष्म्यै नमः
ॐ हरिलीलारूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ शारदानुजलक्ष्म्यै नमः
ॐ योगदालक्ष्म्यै नमः
ॐ त्रैलोक्यपूजितालक्ष्म्यै नमः
ॐ पद्मप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ नीलाम्बरालक्ष्म्यै नमः 280
ॐ सर्वज्ञालक्ष्म्यै नमः
ॐ परमप्रभालक्ष्म्यै नमः
ॐ वसुधालक्ष्म्यै नमः
ॐ मङ्गलप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ चन्द्रलेखालक्ष्म्यै नमः
ॐ ब्रह्मरूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ विश्वजननीलक्ष्म्यै नमः
ॐ राजलक्ष्म्यै नमः
ॐ ब्रह्माणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ वासुदेवी लक्ष्म्यै नमः 290
ॐ रुक्मिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ भाग्यलक्ष्म्यै नमः
ॐ वरलक्ष्म्यै नमः
ॐ हेमलक्ष्म्यै नमः
ॐ सिद्धलक्ष्म्यै नमः
ॐ शुद्धलक्ष्म्यै नमः
ॐ अमललक्ष्म्यै नमः
ॐ शुभलक्ष्म्यै नमः
ॐ प्रजालक्ष्म्यै नमः
ॐ पुण्यलक्ष्म्यै नमः 300
ॐ सौम्यलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुश्रीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नमः
ॐ सर्वशक्तियुतालक्ष्म्यै नमः
ॐ त्रैलोक्यदात्रीलक्ष्म्यै नमः
ॐ देववन्दितालक्ष्म्यै नमः
ॐ अम्बुजाक्षप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ गरुडासनालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णराजतलिप्तालक्ष्म्यै नमः
ॐ अष्टलक्ष्म्यस्वरूपालक्ष्म्यै नमः 310
ॐ वेदगर्भालक्ष्म्यै नमः
ॐ श्रीविद्यालक्ष्म्यै नमः
ॐ श्रीवल्लभालक्ष्म्यै नमः
ॐ महालक्ष्म्यै नमः
ॐ विष्णुपत्नीलक्ष्म्यै नमः
ॐ धर्मपत्नी लक्ष्म्यै नमः
ॐ पतिव्रतालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुरासक्तालक्ष्म्यै नमः
ॐ ब्रह्मतेजस्विनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकपद्मालक्ष्म्यै नमः 320
ॐ अचलारूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ त्रैलोक्यमोहिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ चन्दनगौराङ्गीलक्ष्म्यै नमः
ॐ ब्रह्मलोकवासिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ वायुरूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ सोमरूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ तेजोरूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ जलरूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ भूधरारूढालक्ष्म्यै नमः
ॐ नागकन्यालक्ष्म्यै नमः 330
ॐ अनन्तशक्तियुतालक्ष्म्यै नमः
ॐ देवलोकमण्डितालक्ष्म्यै नमः
ॐ काममातालक्ष्म्यै नमः
ॐ सदानंदालक्ष्म्यै नमः
ॐ चक्रिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ श्रीहरिप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ योगलक्ष्म्यै नमः
ॐ तेजस्विनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ ह्रींकाररूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ नारायणाधिष्ठितालक्ष्म्यै नमः 340
ॐ शंखचक्रगदाधरालक्ष्म्यै नमः
ॐ भक्तवशीकारिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ भोगदालक्ष्म्यै नमः
ॐ मोक्षप्रदालक्ष्म्यै नमः
ॐ ज्ञानदालक्ष्म्यै नमः
ॐ पराशक्तिलक्ष्म्यै नमः
ॐ श्रीचक्रनिवासिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ पञ्चप्राणस्वरूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ सर्वदेवतामयीलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णवर्णालक्ष्म्यै नमः 350
ॐ स्वर्णपद्मालयालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णहस्तालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णचरणालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णसिंहासनस्थालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णछत्रधारिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णमालालङ्कृतालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णवृक्षालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्रोतसालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णमण्डपस्थालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकधारालक्ष्म्यै नमः 360
ॐ कनकवर्षिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णश्रीयलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकाङ्गीलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णगात्रालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णदेहीलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णाभरणभूषितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णवेषधारिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णनूपुरशोभितालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकमेखलालक्ष्म्यै नमः 370
ॐ स्वर्णहारलसितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णविभूषितालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णदीप्त्यालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णशोभितालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णपद्मरतालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकभगवनालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकसुधालयालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपुष्पप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णकान्तिधारिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णवसनालक्ष्म्यै नमः 380
ॐ कनकाङ्गरागिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णराज्यप्रदालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णहृदयालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णरत्नमालीनिलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णदात्री लक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णवल्ली लक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकचन्द्रिकालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णनयनप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णवाणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णधूपप्रियालक्ष्म्यै नमः 390
ॐ सुवर्णदीपिकालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णप्रसनालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णार्चितालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णस्मितालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णमुद्रालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकविभवप्रदालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णलतालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णार्क्यप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णार्पितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णवृन्दालक्ष्म्यै नमः 400
ॐ सुवर्णवेलालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णचूडालङ्गृतालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमञ्जिरी लक्ष्म्यै नमः
ॐ कनककल्पितालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णकीर्तिलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णगिरिनिवासिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्वामिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकसप्तधालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णचामरधारिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णगुरवीलक्ष्म्यै नमः 410
ॐ सुवर्णार्चनालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णमयूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णगौरिलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्नसङ्काशालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णरेखालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकशिलालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णधारालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णसप्तमीलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णशिखालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णतन्त्रीलक्ष्म्यै नमः 420
ॐ सुवर्णयज्ञालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णनिर्मितालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकविनिर्मितालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णवृत्तान्तालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमहिमालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णविग्रहालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णवर्णिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमञ्जुषालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकरेखालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णशृङ्गालक्ष्म्यै नमः 430
ॐ स्वर्णनिर्माल्यालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णवर्णिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकनागालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णतोरणालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णरश्मिमयी लक्ष्म्यै नमः
ॐ कनककाञ्चनालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपट्टवासिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णदीपप्रभालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरेखिकलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णकान्तालक्ष्म्यै नमः 440
ॐ स्वर्णतारकालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णवाचिकालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकहारप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्नकण्ठिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्त्रीलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णदन्तिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकदेहीलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णकेशिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णनूपुरालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमेखलालक्ष्म्यै नमः 450
ॐ सुवर्णकङ्कणालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णाभरणभूषितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णवज्रप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकशृङ्गारिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमालालङ्कृतालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्नगृहालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णयंत्रगालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णनाभिलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकपादूकालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णयज्ञोपवीतालक्ष्म्यै नमः 460
ॐ सुवर्णकृष्णालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णलक्ष्मीस्वरूपिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णार्घ्यालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णाराधितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमण्डितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपुत्रप्रदालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकमुखीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपुष्पप्रियालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णतूलिकालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णवेदिकास्थालक्ष्म्यै नमः 470
ॐ सुवर्णपीठास्थालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णपादूकालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकतन्त्रमयीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णतन्त्रीवनालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णपुष्टिमयीलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकचूर्णालिप्तालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्नदीप्यालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णगर्भालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकमण्डितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णचूडामणिधरालक्ष्म्यै नमः 480
ॐ स्वर्णनवमालीनिलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकरत्नालङ्कृतालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णनालितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णसप्तलोकालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णदेवतारूपालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकमञ्जरी लक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णपूर्णकलशालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकविग्रहालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमालती लक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णकान्तारूपालक्ष्म्यै नमः 490
ॐ सुवर्णकल्पवृक्षालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णसिंहासनस्थालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णायुधधारिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णमन्दिरवासालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमणिशोभितालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकवेषधारिणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्नसञ्चितालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णवाणीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णज्ञानप्रदालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्नमण्डितालक्ष्म्यै नमः 500
ॐ कनकसप्तमालिन्यै नमः
ॐ स्वर्णपद्मनिभालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णदन्तमयीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपट्टधारिण्यै नमः
ॐ कनकवर्णे लक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपुष्पशोभिन्यै नमः
ॐ स्वर्णकान्तावर्णे लक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमण्डितालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकदेवालये लक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णसिंहासनस्थे लक्ष्म्यै नमः 510
ॐ स्वर्णरक्तलोचनालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णचूडामणिधरालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकसङ्काशालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णशिखरस्थालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णकुसुमोत्सवेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्फटिकमण्डलालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकमणिमञ्जरालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपट्टाभरणालयालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णपद्मकेशलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमणिमञ्जुषालक्ष्म्यै नमः 520
ॐ कनकसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णशोभिन्यै नमः
ॐ स्वर्णमेखलालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्नविभूषितेलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकमण्डितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमुक्तामण्यै नमः
ॐ स्वर्णमुक्तापुष्पेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णताम्रशोभिन्यै नमः
ॐ कनकदन्तमालिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपुष्टिमण्डितेलक्ष्म्यै नमः 530
ॐ स्वर्णसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्ननिभे लक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकगर्भे लक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्फटिकमण्डलालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णचूडामणिधरालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकसङ्काशालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णशिखरस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णकुसुमोत्सवेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्फटिकमण्डलालक्ष्म्यै नमः 540
ॐ स्वर्णमणिमञ्जरालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकपट्टाभरणालयालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपद्मकेशलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णमणिमञ्जुषालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णशोभिन्यै नमः
ॐ स्वर्णमेखलालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्नविभूषितेलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकमण्डितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमुक्तामण्यै नमः 550
ॐ स्वर्णमुक्तापुष्पेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णताम्रशोभिन्यै नमः
ॐ कनकदन्तमालिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपुष्टिमण्डितेलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्ननिभे लक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकगर्भे लक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्फटिकमण्डलालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकचूडामणिधरालक्ष्म्यै नमः 560
ॐ सुवर्णसङ्काशालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णशिखरस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनककुसुमोत्सवेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्फटिकमण्डलालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णमणिमञ्जरालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकपट्टाभरणालयालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपद्मकेशलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णमणिमञ्जुषालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णशोभिन्यै नमः 570
ॐ स्वर्णमेखलालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्नविभूषितेलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकमण्डितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमुक्तामण्यै नमः
ॐ स्वर्णमुक्तापुष्पेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णताम्रशोभिन्यै नमः
ॐ कनकदन्तमालिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपुष्टिमण्डितेलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्ननिभे लक्ष्म्यै नमः 580
ॐ कनकगर्भे लक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्फटिकमण्डलालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णचूडामणिधरालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकसङ्काशालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णशिखरस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनककुसुमोत्सवेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्फटिकमण्डलालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णमणिमञ्जरालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकपट्टाभरणालयालक्ष्म्यै नमः 590
ॐ सुवर्णपद्मकेशलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णमणिमञ्जुषालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णशोभिन्यै नमः
ॐ स्वर्णमेखलालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्नविभूषितेलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकमण्डितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमुक्तामण्यै नमः
ॐ स्वर्णमुक्तापुष्पेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णताम्रशोभिन्यै नमः 600
ॐ कनकदन्तमालिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपुष्टिमण्डितेलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्ननिभे लक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकगर्भे लक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्फटिकमण्डलालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णचूडामणिधरालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकसङ्काशालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णशिखरस्थेलक्ष्म्यै नमः 610
ॐ कनककुसुमोत्सवेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्फटिकमण्डलालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णमणिमञ्जरालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकपट्टाभरणालयालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपद्मकेशलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णमणिमञ्जुषालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णशोभिन्यै नमः
ॐ स्वर्णमेखलालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्नविभूषितेलक्ष्म्यै नमः 620
ॐ कनकमण्डितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमुक्तामण्यै नमः
ॐ स्वर्णमुक्तापुष्पेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णताम्रशोभिन्यै नमः
ॐ कनकदन्तमालिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपुष्टिमण्डितेलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्ननिभे लक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकगर्भे लक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्फटिकमण्डलालक्ष्म्यै नमः 630
ॐ स्वर्णसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णचूडामणिधरालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकसङ्काशालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णशिखरस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनककुसुमोत्सवेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्फटिकमण्डलालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णमणिमञ्जरालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकपट्टाभरणालयालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपद्मकेशलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णमणिमञ्जुषालक्ष्म्यै नमः 640
ॐ कनकसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णशोभिन्यै नमः
ॐ स्वर्णमेखलालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्नविभूषितेलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकमण्डितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमुक्तामण्यै नमः
ॐ स्वर्णमुक्तापुष्पेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णताम्रशोभिन्यै नमः
ॐ कनकदन्तमालिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपुष्टिमण्डितेलक्ष्म्यै नमः 650
ॐ स्वर्णसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्ननिभे लक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकगर्भे लक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्फटिकमण्डलालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णचूडामणिधरालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकसङ्काशालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णशिखरस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनककुसुमोत्सवेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्फटिकमण्डलालक्ष्म्यै नमः 660
ॐ स्वर्णमणिमञ्जरालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकपट्टाभरणालयालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपद्मकेशलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णमणिमञ्जुषालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णशोभिन्यै नमः
ॐ स्वर्णमेखलालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्नविभूषितेलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकमण्डितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमुक्तामण्यै नमः 670
ॐ स्वर्णमुक्तापुष्पेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णताम्रशोभिन्यै नमः
ॐ कनकदन्तमालिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपुष्टिमण्डितेलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्ननिभे लक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकगर्भे लक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्फटिकमण्डलालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकचूडामणिधरालक्ष्म्यै नमः 680
ॐ सुवर्णसङ्काशालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णशिखरस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनककुसुमोत्सवेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णस्फटिकमण्डलालक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णमणिमञ्जरालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकपट्टाभरणालयालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपद्मकेशलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णमणिमञ्जुषालक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णशोभिन्यै नमः 690
ॐ स्वर्णमेखलालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्नविभूषितेलक्ष्म्यै नमः
ॐ कनकमण्डितालक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णमुक्तामण्यै नमः
ॐ स्वर्णमुक्तापुष्पेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णताम्रशोभिन्यै नमः
ॐ कनकदन्तमालिनीलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णपुष्टिमण्डितेलक्ष्म्यै नमः
ॐ स्वर्णसिंहासनस्थेलक्ष्म्यै नमः
ॐ सुवर्णरत्ननिभे लक्ष्म्यै नमः 700
ॐ स्वर्णमहालक्ष्म्यै नमः ।
स्वर्णमङ्गलदेवतायै ।
स्वर्णमन्त्रायै ।
स्वर्णमण्डपनिलयायै ।
स्वर्णमहामन्त्ररहस्यायै ।
स्वर्णमहायन्त्रायै ।
स्वर्णमाणिक्यमकुटधारिण्यै ।
स्वर्णमाङ्गल्यधारिण्यै ।
स्वर्णमकरकुण्डलधारिण्यै।
स्वर्णमाङ्गल्यरक्षणायै ।
अष्टादशदलस्थितायै ।
अष्टलक्ष्मीस्वरूपीण्यै ।
आदिलक्ष्म्यै ।
आधारनिलयायै ।
आदिशक्तीस्वरूपिण्यै ।
आदिशङ्करयतिश्रेष्ठसेवितायै ।
इन्द्राण्यै -इहपरसुखवरप्रसादिन्यै ।
इच्छाशक्त्यै ।
श्रीमन्नन्दायै ।
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं कृत नारद सङ्गीतप्रियायै नमः ॥ 720॥
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ करुणाकटाक्षायै नमः ।
करुणामूर्त्यै ।
कल्याण्यै ।
कल्याणगुणशालिन्यै ।
गरुडारूढनारायणसमन्वितायै ।
कनकधारिण्यै ।
कात्यायन्यै ।
कारुण्यवीक्षिण्यै ।
कान्तिमत्यै ।
काश्मीरभ्रूमध्यस्थायै ।
गानरूपिण्यै ।
गानप्रियायै ।
कालरूपिण्यै ।
कालकण्ठीस्वरूपिण्यै ।
चारुमत्यै ।
समुद्रराजतनयायै ।
समुद्रराजवंशपावनायै ।
सङ्कटनिवारिण्यै ।
सकलसम्पद्धारिण्यै ।
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ सकलसम्पत्कर्यै नमः ॥ 740 ॥
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ सकलसौभाग्यदायिन्यै नमः ।
सकलशक्तिस्वरूपिण्यै ।
सर्वालङ्कारभूषितायै ।
सकलकलावल्यै ।
सुवासिन्यै ।
सुवासिन्यर्चनप्रियायै ।
सुगन्धप्रियायै ।
सुखप्रियायै ।
सुगन्धपुष्पप्रियायै ।
सुगन्धताम्बूलप्रियायै ।
सुगन्धायै ।
सुवर्लोकनिवासिन्यै।
सुकुन्दकुन्दलायै ।
चतुर्वेदस्वरूपिण्यै ।
सन्तानलक्ष्म्यै।
चतुर्वेदगानप्रियायै ।
चम्पकारण्यवासिन्यै ।
चतुर्भुजायै ।
शान्तस्वरूपिण्यै ।
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ चारुहासवदनायै नमः ॥ 760॥
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ साधिवीकगुणशालिन्यै नमः ।
सामगानप्रियायै ।
श्यामलायै ।
श्रीचक्रनिलयायै ।
श्रीधरबद्धमाङ्गल्यकण्ठस्थायै ।
श्रीमन्नारायणनायख्यै ।
श्रीमाधववक्षस्थलवासिन्यै ।
श्रीस्वर्णकमलवर्षिण्यै ।
श्रीविद्यास्वरूपिण्यै ।
श्रीवैकुण्ठवासिन्यै ।
श्रियै ।
क्षीरसागरोद्भवायै ।
श्रीसागरनिलयायै ।
सिन्दूरतिलकाञ्चितायै ।
सिन्धुभैरव्यै ।
चिन्तामणिश्यमन्तमणिधरिण्यै ।
चूडामणिचूलामणिधरिण्यै ।
कौस्तुभमणिमालाधरिण्यै ।
कौमार्यै ।
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ गौर्यै नमः ॥ 780॥
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ ऊर्ध्वकेशिन्यै नमः ।
स्वर्णकिङ्किणीधारिण्यै ।
स्वर्णनवाभरणभूषितायै ।
स्वर्णरत्नपीठस्थितायै ।
स्वर्णताटङ्गधारिण्यै ।
स्वर्णधारिण्यै ।
स्वर्णदेव्यै ।
स्वर्णपूर्णकुम्भस्वरूपिण्यै ।
स्वर्णपूर्णायै ।
स्वर्णसुन्दर्यै ।
स्वर्णद्विजहस्तायै।
स्वर्णपद्माक्ष्यै ।
स्वर्णतेजस्वरूपिण्यै ।
स्वर्णाऽकर्षिण्यै ।
स्वर्णकुसुमार्चनप्रियायै ।
कैलासनाथसोदर्यै ।
कोटीश्वर्यै ।
गोप्रियायै ।
महापातकनाशिन्यै ।
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ मधुरगानप्रियायै नमः ॥ 800॥
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ मधुरवागधीश्वर्यै नमः ।
मकरकुण्डलधारिण्यै ।
मधुरपुष्पमालाधरिण्यै ।
मङ्गलविग्रहस्वरूपिण्यै ।
महोन्नतायै ।
मन्दहासवदनायै ।
ममाकारस्वरूपिण्यै ।
मधुराण्यै ।
मनोरञ्जितप्रियायै ।
मनोन्मण्यै ।
मनोहर्यै ।
तुलसीपत्रार्चनसन्तुष्टायै ।
रक्तवर्णाधरायै ।
रक्तवस्त्रधारिण्यै ।
हरिद्राकुङ्कुमार्चनप्रियायै ।
विष्णुपत्न्यै ।
जगज्जनन्यै ।
हृदयकमलवासिन्यै ।
आदिलक्ष्म्यै ।
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ धनलक्ष्म्यै नमः ॥ 820॥
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ धान्यलक्ष्म्यै नमः ।
विजयलक्ष्म्यै ।
वीरलक्ष्म्यै ।
विद्यालक्ष्म्यै ।
गजलक्ष्म्यै ।
अष्टलक्ष्म्यै ।
सौभाग्यलक्ष्म्यै ।
अमृतलक्ष्म्यै ।
भोगलक्ष्म्यै ।
ॐकारिण्यै ।
ॐकारप्रणवस्वरूपिण्यै ।
ह्रीङ्कारिण्यै ।
ह्रैम्यायै ।
ह्रीम्यायै ।
श्रीम्यायै ।
श्रीविद्यास्वरूपिण्यै ।
अद्भुतायै ।
चेतनायै ।
अचेतनायै ।
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ स्थूलायै नमः ॥ 840 ॥
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ स्थूलशरीरायै नमः ।
स्थूलसूक्ष्मशरीरिण्यै ।
पञ्चप्राणस्वरूपिण्यै ।
जीवलयनिलयायै ।
विकल्पायै ।
निर्विकल्पायै ।
जटार्कन्यै ।
जगज्जनन्यै ।
त्रैलोक्यधर्मवर्द्धिन्यै ।
प्रपञ्चरक्षणायै ।
पापविमोचिन्यै ।
व्यापकायै ।
गोमत्यै ।
दुर्गालक्ष्म्यै ।
शीतलायै ।
काल्यै ।
नीलायै ।
त्रिशूलिन्यै ।
कात्यायिन्यै ।
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ भगवत्यै नमः ॥ 860॥
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ भवान्यै नमः ।
कठूरघोरस्वरूपिण्यै ।
कपालहारिण्यै ।
रुद्रप्रियायै ।
क्षेमसौख्यवरप्रसादिन्यै ।
दुःखनिवारिण्यै ।
दुष्टदेवतानिग्रहायै ।
तुष्टायै ।
औषध्यै ।
भवरोगनिवारिण्यै ।
पञ्चभूतस्वरूपिण्यै ।
पञ्चाक्षर्यै ।
इच्छाशक्त्यै ।
क्रियाशक्त्यै ।
ज्ञानशक्त्यै ।
ज्ञानस्वरूपिण्यै ।
वह्निमण्डलवासिन्यै ।
सहस्रदलाऽक्ष्यै ।
बिन्दुनिलयायै ।
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ बिन्दुआकर्षणदेव्यै नमः ॥ 880 ॥
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ प्रकृतिशक्त्यै नमः ।
मूलप्रकृत्यै ।
कुण्डलिन्यै ।
भुजङ्गीशक्त्यै ।
प्राणशक्त्यै ।
मातृकाशक्त्यै ।
ईश्वर्यै ।
कुटिलङ्गीशक्त्यै ।
स्वाधिष्ठाननिलयायै ।
मणिपूरकायै ।
अनाहतनायख्यै ।
विशुद्धिनिलयायै ।
आज्ञाशक्त्यै ।
सहस्रनिलयायै ।
स्वाधिष्ठाननिलयवासिन्यै ।
अंस्वरूपिण्यै ।
षड्दलपद्मवासिन्यै ।
स्वर्णस्वरूपिण्यै ।
काकिन्यम्बास्वरूपिण्यै ।
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ चतुर्मुखायै नमः ॥ 900॥
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ शूलपालिन्यै नमः ।
पाशवरदहस्तायै ।
मांसप्रियायै ।
अक्षरशक्त्यै ।
भद्रकाल्यै ।
पत्नीदेव्यै ।
महामायादेव्यै ।
यशस्विन्यै ।
रक्तायै ।
लम्बोर्व्यै ।
मणिपूरकनिलयवासिन्यै ऽग्निस्वरूपिण्यै ।
दशदलस्थितायै ।
मुखत्रयस्वरूपिण्यै ।
बीजापूरफलवर्णायै ।
लाकिन्यम्बास्वरूपिण्यै ।
वज्रायुधहस्तायै ।
डामर्यायै ।
टङ्कारिण्यै ।
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ नूर्णादेव्यै नमः ॥ 920
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ तामस्यै नमः ।
स्थाण्व्यै ।
दाक्षायिण्यै ।
काकिनीदेव्यै ।
नार्यै ।
पार्वत्यै ।
फट्कारिण्यै ।
अनाहतनिलयवासिन्यै ।
वायुस्वरूपिण्यै ।
द्वादशदलस्थितायै ।
स्फटिकवर्णायै ।
राकिण्यम्बास्वरूपिण्यै ।
द्विमुखस्वरूपिण्यै ।
अक्षमालाधारिण्यै ।
शूलकपालिन्यै ।
डमरहस्तायै ।
अक्षरशक्त्यै ।
कालरात्र्यै ।
घण्टाकर्षिण्यै ।
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ नार्णादेव्यै नमः ॥ 940 ॥
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ चण्डादेव्यै नमः ।
छायारूपिण्यै ।
जयायै ।
झ्ङ्कारिण्यै ।
ज्ञानरूपायै ।
टङ्कहस्तायै ।
शब्दब्रह्मस्वरूपिण्यै ।
आकाशनिलयायै ।
षोडशदलस्थितायै ।
मरकतवर्णायै ।
डाकिन्यम्बा स्वरूपिण्यै ।
एकमुखस्वरूपिण्यै ।
खड्गखेटकशूलहस्तायै ।
रसप्रियायै ।
अमृतायै ।
आकर्षिण्यै ।
इन्द्राण्यै ।
ईशान्यै । ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ उमायै नमः ॥ 960 ॥
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ ऊर्ध्वकेशिन्यै नमः ।
रुद्रायै ।
ऋकारायै ।
ऌकारायै ।
एकपदायै ।
ऐश्वर्यात्मिकायै ।
कारायै ।
औषध्यै ।
अम्बिकायै ।
अक्षरायै ।
आज्ञानिलयवासिन्यै ।
द्विदलस्थितायै ।
पञ्चभूतस्वरूपिण्यै ।
हाकिन्यम्बास्वरूपिण्यै ।
द्विमुखायै ।
चतुर्मुखायै ।
ज्ञानमुद्रायै ।
अक्षमालाधरायै ।
डमरुकपालहस्तायै ।
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ हंसवत्यै नमः ॥ 980 ॥
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ क्षमावत्यै नमः ।
याकिन्यम्बास्वरूपिण्यै ।
सरस्वत्यै ।
हंसवाहिन्यै ।
वाग्विलासिन्यै ।
वीणागानरूपिण्यै ।
हेममालिन्यै ।
नवग्रहमण्डलनायख्यै ।
नवशक्तिस्वरूपिण्यै ।
नक्षत्रदेवतासेवितायै ।
प्रसन्नदासप्रियायै ।
प्रसन्नदासपूजितायै ।
महायोगपीठवासिन्यै ।
कोटिसूर्यप्रकाशस्वर्णलक्ष्म्यै ।
श्रीप्रसन्नवेङ्कटेशप्रियायै ।
श्रीदुर्गालक्ष्म्यै ।
आत्मस्वरूपिण्यै ।
आत्मज्योतिऐक्यस्वरूपिण्यै ।
आत्मज्योतिषे ।
ॐ ह्रैं ह्रीं श्रीं ॐ स्वर्णलक्ष्म्यै नमः ॥ 1000 ॥
सुवर्णताम्रशोभिन्यै
कनकदन्तमालिनी लक्ष्म्यै
सुवर्णपुष्टिमण्डिते लक्ष्म्यै
स्वर्णसिंहासनस्थे लक्ष्म्यै
सुवर्णरत्ननिभे लक्ष्म्यै
कनकगर्भे लक्ष्म्यै
सुवर्णस्फटिकमण्डले लक्ष्म्यै
स्वर्णसिंहासनस्थे लक्ष्म्यै नमः।। 1008
🌸 पाठ से प्राप्त होने वाले लाभ (Benefits of Chanting Swarna Mahalakshmi Sahasranamavali)
- ऋण और आर्थिक संकट से मुक्ति।
- धन, संपत्ति, और स्वर्ण की प्राप्ति।
- घर में सौभाग्य, शांति और समृद्धि का वास।
- ग्रह दोष, वास्तु दोष और दरिद्रता का नाश।
- व्यापार और नौकरी में निरंतर उन्नति।
🔱 विशेष अवसर (Best Days to Recite)
- शुक्रवार (माँ लक्ष्मी का दिन)
- दीपावली या धनतेरस
- पूर्णिमा और अक्षय तृतीया
- नवरात्रि के शुक्रवार
💫 विशेष सुझाव (Tips for Devotees)
- पाठ के समय पीले या गुलाबी वस्त्र धारण करें।
- स्वर्ण या पीतल के दीपक का उपयोग करें।
- पाठ के बाद माँ लक्ष्मी को गुड़, खीर, या मीठे भोग का नैवेद्य चढ़ाएँ।
- “श्री सूक्त” और “कनकधारा स्तोत्र” के साथ पाठ करने से फल कई गुना बढ़ जाता है।
🙏 निष्कर्ष (Conclusion)
श्री स्वर्ण महालक्ष्मी सहस्त्रनामावली सिर्फ एक स्तोत्र नहीं बल्कि धन और सौभाग्य का चुम्बक है।
यदि इसे श्रद्धा, भक्ति और नियमितता के साथ पढ़ा जाए तो माँ लक्ष्मी स्वयं साधक के जीवन में स्थिर रूप से निवास करती हैं।
❓FAQs – Frequently Asked Questions
Q1. श्री स्वर्ण महालक्ष्मी सहस्त्रनामावली कब पढ़नी चाहिए?
➡️ शुक्रवार, दीपावली, या किसी शुभ तिथि पर प्रातःकाल या सायंकाल।
Q2. क्या इसे महिलाएँ और पुरुष दोनों पढ़ सकते हैं?
➡️ हाँ, यह सहस्त्रनामावली सभी के लिए शुभ और कल्याणकारी है।
Q3. कितने दिनों तक इसका पाठ करना चाहिए?
➡️ निरंतर 11, 21 या 40 दिन तक करने से विशेष फल मिलता है।
Q4. क्या इसे घर में पढ़ सकते हैं?
➡️ बिल्कुल, स्वच्छ और शांत वातावरण में इसे घर पर पढ़ा जा सकता है।