Bhagwan Gangadhar Aarti

भगवान गङ्गाधर आरती – ॐ जय गङ्गाधर जय हर

भगवान गङ्गाधर आरती का महत्व

ॐ जय गङ्गाधर जय हर, जय गिरिजाधीशा – यह आरती भगवान शिव के गङ्गाधर स्वरूप को समर्पित है। गङ्गाधर का अर्थ है वह भगवान शिव, जिनके जटाओं में माँ गंगा वास करती हैं। यह आरती भक्तों को आध्यात्मिक शांति, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है।

भगवान गङ्गाधर की आरती सुनने और गाने से जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति आती है। इसे शिव भक्त विशेष रूप से महाशिवरात्रि और अन्य धार्मिक अवसरों पर गाते हैं।


आरती की पंक्तियाँ

ॐ जय गङ्गाधर जय हर जय गिरिजाधीशा।
त्वं मां पालय नित्यं कृपया जगदीशा।
ॐ हर हर हर महादेव।

कैलासे गिरिशिखरे कल्पद्रुमविपिने।
गुन्जति मधुकरपुन्जे कुन्जवने गहने।
कोकिलकूजित खेलत हन्सावन ललिता।
रचयति कलाकलापं नृत्यति मुदसहिता।
ॐ हर हर हर महादेव।

तस्मिन्ल्ललितसुदेशे शाला मणिरचिता।
तन्मध्ये हरनिकटे गौरी मुदसहिता।
क्रीडा रचयति भुषारज्जित निजमीशम्।
इन्द्रादिक सुर सेवत नामयते शीशम्।
ॐ हर हर हर महादेव।

बिबुधबधू बहु नृत्यत हृदये मुदसहिता।
किन्नर गायन कुरुते सप्त स्वरसहिता।
धिनकत थै थै धिनकत मृदङ्ग वादयते।
क्वण क्वण ललिता वेणुं मधुरं नाटयते।
ॐ हर हर हर महादेव।

रुण रुण चरणे रचयति नूपुरमुज्ज्वलिता।
चक्रावर्ते भ्रमयति कुरुते तां धिक तां।
तां तां लुप चुप तां तां डमरू वादयते।
अङ्गुष्ठांगुलिनादं लासकतां कुरुते।
ॐ हर हर हर महादेव।

कर्पूरघुतिगौरं पञ्चाननसहितम्।
त्रिनयनशशिधरमौलिं विषधरकण्ठयुतम्।
सुन्दरजटायकलापं पावकयुतभालम्।
डमरुत्रिशूलपिनाकं करधृतनृकपालम्।
ॐ हर हर हर महादेव।

मुण्डै रचयति माला पन्नगमुपवीतम्।
वामविभागे गिरिजारूपं अतिललितम्।
सुन्दरसकलशरीरे कृतभस्माभरणम्।
इति वृषभध्वजरूपं तापत्रयहरणम्।
ॐ हर हर हर महादेव।

शङ्खनिनदम् कृत्वा झल्लरि नादयते।
नीराजयते ब्रह्मा वेद-ऋचां पठते।
अतिमृदुचरणसरोजं हृत्कमले धृत्वा।
अवलोकयति महेशं ईशं अभिनत्वा।
ॐ हर हर हर महादेव।

ध्यानं आरति समये हृदये अति कृत्वा।
रामस्त्रिजटानाथं ईशं अभिनत्वा।
सन्गतिमेवं प्रतिदिन पठनं यः कुरुते।
शिवसायुज्यं गच्छति भक्त्या यः श्रृणुते।
ॐ हर हर हर महादेव।


भगवान गङ्गाधर आरती के लाभ

  • आध्यात्मिक शक्ति: मन को शांति और ध्यान की गहराई मिलती है।
  • सकारात्मक ऊर्जा: घर और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • कष्ट निवारण: भगवान गङ्गाधर की भक्ति जीवन की कठिनाइयों को कम करती है।
  • धार्मिक महिमा: महाशिवरात्रि और अन्य शिव पर्वों पर आरती विशेष महत्व रखती है।

आरती करने का सही तरीका

  1. शुद्ध स्थान पर दीपक और धूप करें।
  2. भगवान गङ्गाधर की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें।
  3. आरती की पंक्तियों को ध्यानपूर्वक पढ़ें या गाएं।
  4. अंत में “ॐ हर हर हर महादेव” का उच्चारण करें।
  5. श्रद्धा और भक्ति भाव से आरती को समर्पित करें।

निष्कर्ष:
भगवान गङ्गाधर आरती – ॐ जय गङ्गाधर, भक्तों को भगवान शिव की कृपा, शक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करती है। इसे नियमित रूप से गाने या सुनने से जीवन में सुख, शांति और मानसिक शक्ति का संचार होता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *