भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता माना जाता है। उनकी आराधना से सभी कार्य सिद्ध होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यहाँ हम आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं आरती गजबदन विनायक की (Aarti Gajavadan Vinayak Ki) पूरी पाठ सहित।
आरती गजबदन विनायक की हिंदी में
आरती गजबदन विनायक की। सुर-मुनि-पूजित गणनायक की॥
एकदन्त शशिभाल गजानन,
विघ्नविनाशक शुभगुण कानन॥
शिवसुत वन्द्यमान-चतुरानन,
दुःखविनाशक सुखदायक की॥
ऋद्धि-सिद्धि-स्वामी समर्थ अति,
विमल बुद्धि दाता सुविमल-मति॥
अघ-वन-दहन अमल अबिगत गति,
विद्या-विनय-विभव-दायक की॥
पिङ्गलनयन, विशाल शुण्डधर,
धूम्रवर्ण शुचि वज्रांकुश-कर॥
लम्बोदर बाधा-विपत्ति-हर,
सुर-वन्दित सब विधि लायक की॥
आरती गजबदन विनायक की का महत्व
- यह आरती भगवान गणेश जी की स्तुति है।
- इसके पाठ से सभी विघ्न और बाधाएँ दूर होती हैं।
- घर, परिवार और व्यापार में सुख-समृद्धि आती है।
- विद्यार्थी इसे पढ़कर बुद्धि और विद्या की प्राप्ति करते हैं।
कब करें आरती गजबदन विनायक की
- प्रातःकाल और सायंकाल गणेश पूजा के समय।
- विशेष रूप से गणेश चतुर्थी और संकष्टी चतुर्थी पर।
- नए कार्य या शुभ कार्य की शुरुआत से पहले।
आरती गजबदन विनायक की के लाभ
- विघ्न-बाधाओं का नाश होता है।
- बुद्धि, ज्ञान और विवेक की वृद्धि होती है।
- घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
- कार्यों में सफलता और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
निष्कर्ष
आरती गजबदन विनायक की का पाठ करके आप भगवान गणेश जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। यह आरती विघ्नों का नाश करने वाली और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली मानी जाती है।