(🌷 अपार धन और ऐश्वर्य देने वाला पवित्र स्तोत्र 🌷)
✨ भूमिका | Introduction
धार्मिक शास्त्रों में माता सीता के इस पवित्र जानकी स्तोत्र का अत्यंत महत्व बताया गया है।
जो व्यक्ति प्रतिदिन प्रभु श्रीराम और माता सीता का विधिपूर्वक पूजन करता है, उसे 16 महादानों, पृथ्वीदान, और समस्त तीर्थों के दर्शन का फल प्राप्त होता है।
नियमित रूप से जानकी स्तोत्र का पाठ करने से मनुष्य के सभी कष्टों का नाश होता है और माता सीता धन–ऐश्वर्य की वर्षा करती हैं।
🕉️ जानकी स्तोत्रम् (Janki Stotram in Sanskrit with Hindi Meaning)
🍁 **नीलनीरज-दलायतेक्षणां लक्ष्मणाग्रज-भुजावलम्बिनीम्।
शुद्धिमिद्धदहने प्रदित्सतीं भावये मनसि रामवल्लभाम्।।**
अर्थ:
नील कमल-दल के समान जिनके नेत्र हैं, जो श्रीराम की भुजाओं का अवलंबन करती हैं, और जो अग्नि में अपनी पवित्रता सिद्ध करने हेतु प्रविष्ट हुईं — उन रामवल्लभा सीता माता का मैं मन में ध्यान करता हूँ।
🍁 **रामपाद-विनिवेशितेक्षणामङ्ग-कान्तिपरिभूत-हाटकाम्।
ताटकारि-परुषोक्ति-विक्लवां भावये मनसि रामवल्लभाम्।।**
अर्थ:
जिनकी दृष्टि सदा श्रीराम के चरणों में स्थिर रहती है, जिनकी अंगकांति सुवर्ण को भी मात करती है, और जो ताटकावध के समय राम के कटु वचनों से क्षुब्ध हो उठीं — उन श्रीराम की प्रिया जानकी माता का मैं ध्यान करता हूँ।
🍁 **कुन्तलाकुल-कपोलमाननं, राहुवक्त्रग-सुधाकरद्युतिम्।
वाससा पिदधतीं हियाकुलां भावये मनसि रामवल्लभाम्।।**
अर्थ:
जिनके कपोल बिखरे हुए केशों से वैसे ही ढके हैं जैसे राहु द्वारा ग्रहण किए गए चन्द्रमा का प्रकाश अंधकार से आवृत हो जाता है — जो लज्जा से अपना मुख वस्त्र से छिपा रही हैं, उन माता सीता का मैं ध्यान करता हूँ।
🍁 **कायवाङ्मनसगं यदि व्यधां स्वप्नजागृतिषु राघवेतरम्।
तद्दहाङ्गमिति पावकं यतीं भावये मनसि रामवल्लभाम्।।**
अर्थ:
जो अग्नि में प्रवेश करते समय कहती हैं — “यदि मैंने शरीर, वाणी या मन से राघव के अतिरिक्त किसी और को स्थान दिया हो, तो हे अग्निदेव! मुझे भस्म कर दो” — ऐसी पवित्रता की प्रतिमूर्ति जानकी माता का मैं ध्यान करता हूँ।
🍁 **इन्द्ररुद्र-धनदाम्बुपालकै: सद्विमान-गणमास्थितैर्दिवि।
पुष्पवर्ष-मनुसंस्तुताङ्घ्रिकां भावये मनसि रामवल्लभाम्।।**
अर्थ:
स्वर्गलोक में इन्द्र, रुद्र, कुबेर और वरुण जैसे देवता विमानों से पुष्पवर्षा कर जिनके चरणों की स्तुति करते हैं, उन श्रीराम की पत्नी सीता माता की मैं मन में भावना करता हूँ।
🍁 **संचयैर्दिविषदां विमानगैर्विस्मयाकुल-मनोऽभिवीक्षिताम्।
तेजसा पिदधतीं सदा दिशो भावये मनसि रामवल्लभाम्।।**
अर्थ:
देवगण विमानों से विस्मय से जिनका दर्शन करते हैं, और जो अपने तेज से दसों दिशाओं को आलोकित करती हैं — उन रामवल्लभा जानकी माता का मैं ध्यान करता हूँ।
🪔 ।। इति जानकीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।।
🌺 जानकी स्तोत्र पाठ के लाभ | Benefits of Janki Stotram
- 🌷 माता सीता की कृपा से धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- 🌷 घर में सुख-शांति और प्रेम बना रहता है।
- 🌷 नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं का नाश होता है।
- 🌷 व्यक्ति के भीतर पवित्रता, श्रद्धा और आत्मबल की वृद्धि होती है।
- 🌷 मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और सभी कष्ट दूर होते हैं।
🙏 पाठ का नियम | Method of Chanting
- प्रातःकाल स्नान के बाद श्रीराम और जानकी माता की प्रतिमा या चित्र के सामने दीप जलाएँ।
- “ॐ सीतायै नमः” मंत्र से पूजन करें।
- तत्पश्चात पूर्ण श्रद्धा से जानकी स्तोत्र का पाठ करें।
- अंत में “श्रीसीतारामाभ्यां नमः” का जप करें।


