हनुमान जी के 12 प्रमुख नाम
हनुमान जी को अनेक नामों से जाना जाता है। उनके 12 विशेष नाम इस प्रकार हैं:
- हनुमान – जिसकी ठोड़ी टूटी हो।
- अंजनीसुत – अंजनी के पुत्र।
- वायुपुत्र – हवा के पुत्र।
- महाबल – अत्यंत बलवान।
- रामेष्ट – श्री राम के प्रिय भक्त।
- फाल्गुन सखा – फाल्गुन (अर्जुन) के सखा।
- पिंगाक्ष – भूरी आँखों वाले।
- अमितविक्रम – जिसकी वीरता का कोई अंत न हो।
- उदधिक्रमण – जो समुद्र को लांघने में सक्षम हो।
- सीताशोकविनाशन – सीताजी के शोक का नाश करने वाले।
- लक्ष्मणप्राणदाता – लक्ष्मण को जीवन देने वाले।
- दशग्रीवदर्पहा – दस सिर वाले रावण के घमंड को चूर करने वाले।
हनुमान जी के 12 नामों के लाभ
इन नामों का नित्य जप करने से भक्त को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं:
- दीर्घायु और स्वास्थ्य: नियमित जप से शरीर और मन स्वस्थ रहते हैं।
- सांसारिक सुख: जीवन में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य प्राप्त होता है।
- रक्षा कवच: हनुमानजी साधक की सभी दिशाओं और आकाश-पाताल में रक्षा करते हैं।
- भय और रोगों से मुक्ति: मानसिक भय, रोग, ग्रह दोष और शत्रु बाधा से मुक्ति मिलती है।
- मानसिक बल: आत्मविश्वास बढ़ता है और मानसिक दुर्बलता दूर होती है।
विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को इन नामों का जप करने से अधिक फलदायक होता है।
हनुमान जी के नामों का जप कैसे करें
- साधना स्थल तैयार करें: हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
- शांत मन से जप करें: ध्यान और भक्ति भाव के साथ नामों का उच्चारण करें।
- जप की संख्या: आप अपनी सुविधा अनुसार 11, 21, या 108 बार जप सकते हैं।
- सप्ताह का विशेष दिन: मंगलवार और शनिवार को यह जप विशेष फलदायक माना गया है।
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