भगवान बदरीनाथ आरती का महत्व
जय जय श्री बदरीनाथ, जयति योग ध्यानी – यह आरती भगवान बदरीनाथ को समर्पित है। भगवान बदरीनाथ भगवान विष्णु के अवतार हैं और वे भक्तों के कष्टों को दूर करने वाले हैं।
इस आरती को सुनने और गाने से मानसिक शांति, भक्ति भाव और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है। भक्त विशेष रूप से बद्रीनाथ धाम यात्रा और धार्मिक अवसरों पर इसे गाते हैं।
आरती की पंक्तियाँ
जय जय श्री बदरीनाथ, जयति योग ध्यानी।
जय जय श्री बदरीनाथ, जयति योग ध्यानी।
जय जय श्री बदरीनाथ…
निर्गुण सगुण स्वरूप, मेधवर्ण अति अनूप।
सेवत चरण सुरभूप, ज्ञानी विज्ञानी।
जय जय श्री बदरीनाथ…
झलकत है शीश छत्र, छवि अनूप अति विचित्र।
बरनत पावन चरित्र, सकुचत बरबानी।
जय जय श्री बदरीनाथ…
तिलक भाल अति विशाल, गल में मणि मुक्त-माल।
प्रनतपाल अति दयाल, सेवक सुखदानी।
जय जय श्री बदरीनाथ…
कानन कुण्डल ललाम, मूर्ति सुखमा की धाम।
सुमिरत हों सिद्धि काम, कहत गुण बखानी।
जय जय श्री बदरीनाथ…
गावत गुण शम्भु, शेष, इन्द्र, चन्द्र अरु दिनेश।
विनवत श्यामा हमेश, जोरी जुगल पानी।
जय जय श्री बदरीनाथ…
बदरीनाथ आरती करने के लाभ
- आध्यात्मिक शक्ति: मन को शांति और ध्यान की गहराई मिलती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: घर और वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- कष्ट निवारण: भगवान बदरीनाथ की भक्ति जीवन की कठिनाइयों को कम करती है।
- सुख-समृद्धि: नियमित आरती से घर और जीवन में सुख और शांति आती है।
आरती करने का सही तरीका
- शुद्ध स्थान पर दीपक और धूप करें।
- भगवान बदरीनाथ की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें।
- आरती की पंक्तियों को ध्यानपूर्वक पढ़ें या गाएं।
- अंत में “जय जय श्री बदरीनाथ” का उच्चारण करें।
- श्रद्धा और भक्ति भाव से आरती को समर्पित करें।
निष्कर्ष:
भगवान बदरीनाथ आरती – जय जय श्री बदरीनाथ, भक्तों को भगवान विष्णु की कृपा और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करती है। इसे नियमित रूप से गाने या सुनने से जीवन में सुख, शांति और मानसिक शक्ति का संचार होता है।