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श्री राम रघुपति आरती | Shri Ram Raghupati Aarti Lyrics in Hindi

Shri Ram Raghupati Aarti

परिचय

भगवान श्रीराम, जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, हिन्दू धर्म के आदर्श नायक और त्रैलोक्य तिलक हैं।
श्री राम रघुपति आरती का पाठ करने से मन को शांति, ज्ञान और भक्ति की प्राप्ति होती है। यह आरती तुलसीदास जी द्वारा लिखी गई है, जो प्रभु श्रीराम की महिमा, करुणा और दिव्य स्वरूप का गुणगान करती है।


श्री राम रघुपति आरती (पूर्ण पाठ)

॥ श्री राम रघुपति आरती ॥

बन्दौं रघुपति करुना निधान।
जाते छूटै भव-भेद ग्यान॥

रघुबन्स-कुमुद-सुखप्रद निसेस।
सेवत पद-पन्कज अज-महेस॥

निज भक्त-हृदय पाथोज-भृन्ग।
लावन्य बपुष अगनित अनन्ग॥

अति प्रबल मोह-तम-मारतण्ड।
अग्यान-गहन- पावक-प्रचण्ड॥

अभिमान-सिन्धु-कुम्भज उदार।
सुररन्जन, भन्जन भूमिभार॥

रागादि- सर्पगन पन्नगारि।
कन्दर्प-नाग-मृगपति, मुरारि॥

भव-जलधि-पोत चरनारबिन्द।
जानकी-रवन आनन्द कन्द॥

हनुमन्त प्रेम बापी मराल।
निष्काम कामधुक गो दयाल॥

त्रैलोक-तिलक, गुनगहन राम।
कह तुलसिदास बिश्राम-धाम॥


श्री राम रघुपति आरती का महत्व


कब करें श्री राम रघुपति आरती?


FAQ – Frequently Asked Questions

Q1: श्री राम रघुपति आरती किसने लिखी है?
👉 यह आरती गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा लिखी गई है।

Q2: इस आरती का पाठ करने से क्या लाभ होता है?
👉 इससे अज्ञान दूर होता है, अहंकार नष्ट होता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।

Q3: क्या इस आरती को घर पर गाया जा सकता है?
👉 हाँ, इसे घर, मंदिर या किसी भी पूजा अवसर पर श्रद्धा से गा सकते हैं।

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