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आरती श्री रघुवर जी की | Shri Raghubar Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi

Shri Raghubar Ji Ki Aarti

परिचय

भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। उनकी आराधना करने से जीवन में धर्म, सत्य और कर्तव्य के पालन की प्रेरणा मिलती है। आरती श्री रघुवर जी की का पाठ करने से भक्त के हृदय में शांति, साहस और भक्ति भाव जागृत होता है। यह आरती घर में सुख-शांति और समृद्धि लाने वाली मानी जाती है।


आरती श्री रघुवर जी की (पूर्ण पाठ)

॥ श्री रघुवर आरती ॥

आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत् चित् आनन्द शिव सुन्दर की।

दशरथ तनय कौशल्या नन्दन, सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन।
अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन, मर्यादा पुरुषोतम वर की॥

आरती कीजै श्री रघुवर जी की…॥

निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि, सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि।
हरण शोक-भय दायक नव निधि, माया रहित दिव्य नर वर की॥

आरती कीजै श्री रघुवर जी की…॥

जानकी पति सुर अधिपति जगपति, अखिल लोक पालक त्रिलोक गति।
विश्व वन्द्य अवन्ह अमित गति, एक मात्र गति सचराचर की॥

आरती कीजै श्री रघुवर जी की…॥

शरणागत वत्सल व्रतधारी, भक्त कल्प तरुवर असुरारी।
नाम लेत जग पावनकारी, वानर सखा दीन दुख हर की॥

आरती कीजै श्री रघुवर जी की…॥


आरती श्री रघुवर जी की का महत्व


कब करें श्री रघुवर जी की आरती?


FAQ – श्री रघुवर जी की आरती

Q1: आरती श्री रघुवर जी की किसे समर्पित है?
👉 यह आरती भगवान श्रीराम (रघुवर) को समर्पित है।

Q2: इस आरती का पाठ करने से क्या लाभ होता है?
👉 भय दूर होता है, दुख-शोक का नाश होता है और जीवन में शांति आती है।

Q3: क्या इसे घर पर गाया जा सकता है?
👉 हाँ, दीपक, प्रसाद और श्रद्धा के साथ इसे घर पर गाना अत्यंत शुभ है।

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