परिचय
भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। उनकी आराधना करने से जीवन में धर्म, सत्य और कर्तव्य के पालन की प्रेरणा मिलती है। आरती श्री रघुवर जी की का पाठ करने से भक्त के हृदय में शांति, साहस और भक्ति भाव जागृत होता है। यह आरती घर में सुख-शांति और समृद्धि लाने वाली मानी जाती है।
आरती श्री रघुवर जी की (पूर्ण पाठ)
॥ श्री रघुवर आरती ॥
आरती कीजै श्री रघुवर जी की, सत् चित् आनन्द शिव सुन्दर की।
दशरथ तनय कौशल्या नन्दन, सुर मुनि रक्षक दैत्य निकन्दन।
अनुगत भक्त भक्त उर चन्दन, मर्यादा पुरुषोतम वर की॥
आरती कीजै श्री रघुवर जी की…॥
निर्गुण सगुण अनूप रूप निधि, सकल लोक वन्दित विभिन्न विधि।
हरण शोक-भय दायक नव निधि, माया रहित दिव्य नर वर की॥
आरती कीजै श्री रघुवर जी की…॥
जानकी पति सुर अधिपति जगपति, अखिल लोक पालक त्रिलोक गति।
विश्व वन्द्य अवन्ह अमित गति, एक मात्र गति सचराचर की॥
आरती कीजै श्री रघुवर जी की…॥
शरणागत वत्सल व्रतधारी, भक्त कल्प तरुवर असुरारी।
नाम लेत जग पावनकारी, वानर सखा दीन दुख हर की॥
आरती कीजै श्री रघुवर जी की…॥
आरती श्री रघुवर जी की का महत्व
- धर्म और मर्यादा की प्रेरणा: श्रीराम के जीवन से आदर्श और सत्य की शिक्षा मिलती है।
- भय और दुख का नाश: इस आरती से जीवन के भय, शोक और क्लेश दूर होते हैं।
- परिवारिक सुख-शांति: घर में सकारात्मक ऊर्जा और आनंद का वातावरण बनता है।
- भक्ति और मोक्ष की प्राप्ति: नियमित पाठ से भक्ति भाव और ईश्वर से जुड़ाव गहरा होता है।
कब करें श्री रघुवर जी की आरती?
- प्रतिदिन सुबह और शाम पूजा के समय।
- विशेष पर्व जैसे रामनवमी, दीपावली, दशहरा पर।
- रामचरितमानस पाठ या संकीर्तन के बाद।
FAQ – श्री रघुवर जी की आरती
Q1: आरती श्री रघुवर जी की किसे समर्पित है?
👉 यह आरती भगवान श्रीराम (रघुवर) को समर्पित है।
Q2: इस आरती का पाठ करने से क्या लाभ होता है?
👉 भय दूर होता है, दुख-शोक का नाश होता है और जीवन में शांति आती है।
Q3: क्या इसे घर पर गाया जा सकता है?
👉 हाँ, दीपक, प्रसाद और श्रद्धा के साथ इसे घर पर गाना अत्यंत शुभ है।