Site icon Divya Bhasha

आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की | Shri Krishna Kanhaiya Aarti Lyrics in Hindi

परिचय

भगवान श्रीकृष्ण को प्रेम, भक्ति और करुणा का प्रतीक माना जाता है। वे गोकुल के नटवर, मुरलीधर और ब्रज के नचवैया कहलाते हैं। आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की का गान करने से भक्त के जीवन में आनंद, शांति और समृद्धि का संचार होता है। यह आरती श्रीकृष्ण के विविध रूपों और दिव्य लीलाओं का वर्णन करती है।


आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की (पूर्ण पाठ)

॥ आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की ॥

मथुरा कारागृह अवतारी,
गोकुल जसुदा गोद विहारी।
नन्दलाल नटवर गिरधारी,
वासुदेव हलधर भैया की॥

आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की॥

मोर मुकुट पीताम्बर छाजै,
कटि काछनि, कर मुरलि विराजै।
पूर्ण सरक ससि मुख लखि लाजै,
काम कोटि छवि जितवैया की॥

आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की॥

गोपीजन रस रास विलासी,
कौरव कालिय, कन्स बिनासी।
हिमकर भानु, कृसानु प्रकासी,
सर्वभूत हिय बसवैया की॥

आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की॥

कहुँ रन चढ़ै भागि कहुँ जावै,
कहुँ नृप कर, कहुँ गाय चरावै।
कहुँ जागेस, बेद जस गावै,
जग नचाय ब्रज नचवैया की॥

आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की॥

अगुन सगुन लीला बपु धारी,
अनुपम गीता ज्ञान प्रचारी।
दामोदर सब विधि बलिहारी,
विप्र धेनु सुर रखवैया की॥

आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की॥


आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की का महत्व


कब करें श्रीकृष्ण कन्हैया की आरती?


FAQ – श्रीकृष्ण कन्हैया आरती

Q1: आरती श्रीकृष्ण कन्हैया की किसे समर्पित है?
👉 यह आरती भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है।

Q2: इस आरती का पाठ कब करना चाहिए?
👉 प्रतिदिन सुबह-शाम या विशेष अवसरों पर।

Q3: श्रीकृष्ण आरती करने से क्या लाभ होता है?
👉 मन में शांति, जीवन में समृद्धि और भक्ति में वृद्धि होती है।

Q4: क्या इसे घर पर किया जा सकता है?
👉 हाँ, घर पर दीपक और प्रसाद के साथ आरती करना अत्यंत शुभ होता है।

Exit mobile version