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शनिदेव की आरती | Shani Dev Aarti Lyrics in Hindi

Shani Dev Aarti

परिचय

शनिदेव, सूर्य पुत्र और छाया के पुत्र माने जाते हैं। इन्हें न्याय का देवता और कर्मफलदाता कहा जाता है। शनिदेव की आरती करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं, शत्रु शांत होते हैं और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
भक्तों के लिए प्रस्तुत है — शनिदेव की आरती


शनिदेव की आरती (Shani Dev Aarti Lyrics in Hindi)

॥ शनिदेव की आरती ॥

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी॥

श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
निलाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥

क्रीट मुकुट शीश सहज दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माल गले शोभित बलिहारी॥

मोदक और मिष्ठान चढ़े, चढ़ती पान सुपारी।
लोहा, तिल, तेल, उड़द महिषी है अति प्यारी॥

देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान हम हैं शरण तुम्हारी॥

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी॥


शनिदेव की आरती का महत्व


शनिदेव की आरती कब करें?


FAQ – Frequently Asked Questions

Q1: शनिदेव की आरती कब करनी चाहिए?
👉 शनिवार की शाम सूर्यास्त के बाद।

Q2: शनिदेव को क्या चढ़ाना शुभ होता है?
👉 काला तिल, तेल, उड़द दाल, लोहा और काले वस्त्र।

Q3: शनिदेव की पूजा करने से क्या लाभ होता है?
👉 जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं और कर्मफल के अनुसार न्याय मिलता है।

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