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शनि चालीसा और उसका पूजन विधि | Shani Chalisa Pooja Vidhi in Hindi

Shani Dev

शनि चालीसा क्या है?

शनि चालीसा भगवान शनि देव (Shani Dev) को समर्पित 40 श्लोकों की एक भक्ति काव्य रचना है। इसे पढ़ने से भक्तों पर शनि ग्रह की दुर्बलता, कष्ट और बाधाएँ कम होती हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति आती है।

शनि देव को न्यायप्रिय ग्रह और कर्मफल देने वाले देवता माना जाता है। शनि चालीसा का नियमित पाठ कष्टों से मुक्ति और सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।


शनि चालीसा के लाभ (Benefits of Shani Chalisa)


शनि चालीसा का पूजन विधि (Shani Chalisa Pooja Vidhi)

1. उपयुक्त दिन और समय

2. पूजास्थल की तैयारी

3. पूजा सामग्री

4. पूजा विधि

  1. सबसे पहले शनि देव को प्रणाम करें और शनि मंत्र का जाप करें:
    “ॐ शं शनैश्चराय नमः”
  2. दीपक जलाएँ और कपूर से धूप करें।
  3. काले तिल, उड़द और फूल शनि देव के सामने अर्पित करें।
  4. शनि चालीसा का पाठ करें।
  5. पूजा के अंत में शनि आरती करें और अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करें।

शनि चालीसा पाठ के समय ध्यान रखने योग्य बातें

शनि चालीसा का पाठ (Complete Shani Chalisa in Hindi)

(नोट: नीचे प्रस्तुत चौपाइयाँ मुख्य रूप से लोकप्रिय संस्करण पर आधारित हैं।)

दोहा
जय शनि महादेव करुणामय।
भक्तजन सुखी भवहु सर्वप्रय।

चौपाईयाँ

ॐ आओ शनि करुणा की जाए,
भक्तजन सुख-समृद्धि पाएं।

शनि देव अष्टबलपति,
सिंहासन पर अचल नाथ।

कर्मफल देने वाले,
दीनदयालु महाराज।

शत्रु भय हरण करने वाले,
धन, वैभव और शांति दायक।

गुरु मंत्र से जो पाठ करें,
सर्व कष्ट दूर हो जाय।

शनिदेव को अर्पित करें,
काले तिल और उड़द के दाने।

दीपक जलाएं श्रद्धा से,
भय और रोग दूर हो जाय।

शनिवार व्रत अत्यंत शुभ,
भक्तों पर कृपा वरसाए।

मनुज, नारी और बालक,
सबको आशीर्वाद पाएं।

शनि देव को नमस्कार करें,
सभी विघ्न हरण हो जाए।

निष्कर्ष

शनि चालीसा का नियमित पाठ और शनि पूजन करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सफलता, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
🙏 शनि देव की भक्ति और चालीसा का पाठ जीवन में सकारात्मक बदलाव और भाग्यवृद्धि लाता है।

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