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🌺 श्री सत्यनारायण पूजन एवं कथा विधि | Satyanarayan Puja Vidhi in Hindi

Shri Satyanarayan Bhagwan Puja Vidhi

🕉️ परिचय (Introduction)

श्री सत्यनारायण व्रत कथा अर्थात सत्य ही भगवान का स्वरूप है — ऐसा मानकर ही इस पूजा का आयोजन किया जाता है।
भगवान श्री सत्यनारायण की कथा प्रारंभ करने से पूर्व विधि-विधान से विशेष पूजन किया जाता है।
कथा का आयोजन पूर्णिमा, अमावस्या, रविवार, गुरुवार, संक्रांति तथा अन्य पर्व-त्योहारों पर करना अत्यंत शुभ माना गया है।
आइए जानें — श्री सत्यनारायण जी कथा से पूर्व किया जाने वाला वैदिक पूजन विधि (Satyanarayan Puja Vidhi)


🌿 पूजन सामग्री सूची (Puja Samagri List)

पूजा से पहले सभी सामग्री एकत्रित कर लें —

अब बड़ी चौकी या पटे पर भगवान सत्यनारायण की फोटो या मूर्ति लाल या पीले वस्त्र पर स्थापित करें।
दाहिनी ओर दीपक रखें, बाईं ओर बड़ा घी का दीपक जलाएँ।
आसन के बीच नवग्रह स्थापना करें।
स्वयं कुशा के आसन पर बैठें और नीचे दिए अनुसार पूजा प्रारंभ करें।


🌸 १. पवित्रकरण (Pavitrikaran)

मंत्र:

ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा।
यः स्मरेत्‌ पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यंतरः शुचिः॥
पुनः पुण्डरीकाक्षं (3 बार उच्चारण करें)

बाएँ हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ से अपने ऊपर छिड़कें।


🌏 २. पृथ्वी पूजन (Prithvi Pujan)

हल्दी, रोली, अक्षत और पुष्प से पूजन करें —

ॐ पृथ्वी त्वया घता लोका देवि त्वं विष्णुना धृता।
त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु च आसनम्‌॥


🪔 ३. श्री सत्यनारायण पूजन प्रारंभ

ध्यान मंत्र:

ॐ सत्यव्रतं सत्यपरं त्रिसत्यं सत्यस्य योनिं निहितं च सत्ये।
सत्यस्य सत्यामृत सत्यनेत्रं सत्यात्मकं त्वां शरणं प्रपन्नाः॥
ध्यायेत्सत्यं गुणातीतं गुणत्रयसमन्वितम्‌।
लोकनाथं त्रिलोकेशं कौस्तुभ-भूषणं हरिम्‌॥

ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, ध्यानार्थे पुष्पाणि समर्पयामि।


🙏 आह्वान (Aavahan Mantra)

आगच्छ भगवन्‌ देव स्थाने चात्र स्थिरो भव।
यावत्‌ पूजां करिष्येऽहं तावत्‌ त्वं संनिधौ भव॥
ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः, श्री सत्यनारायणाय आवाहयामि।


🪶 आसन, पाद्य, अर्घ्य और आचमन विधि

आसन मंत्र:

अनेक रत्नसंयुक्तं नानामणिगणान्वितम्‌।
भवितं हेममयं दिव्यम्‌ आसनं प्रति गृह्याताम्‌॥

पाद्य मंत्र:

नारायण नमस्तेऽतु नरकार्णवतारक।
पाद्यं गृहाण देवेश मम सौख्यं विवर्धय॥

अर्घ्य मंत्र:

गन्धपुष्पाक्षतैर्युक्तमर्घ्यं सम्पादितं मया।
गृहाण भगवन्‌ नारायण प्रसन्नो वरदो भव॥

आचमन मंत्र:

कर्पूरेण सुगन्धेन वासितं स्वादु शीतलम्‌।
तोयमाचमनीयार्थं गृहाण परमेश्वर॥


💧 स्नान एवं पंचामृत स्नान (Snan & Panchamrit Abhishek)

स्नान मंत्र:

मन्दाकिन्याः समानीतैः कर्पूरागुरूवासितैः।
स्नानं कुर्वन्तु देवेशा सलिलैश्च सुगन्धिभिः॥

पंचामृत स्नान मंत्र:

पयो दधि घृतं चैव मधुशर्करयान्वितम्‌।
पंचामृतं मयाऽऽनीतं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्‌॥

शुद्धोदक स्नान:

मन्दाकिन्यास्तु यद्वारि सर्वपापहरं शुभम्‌।
तदिदं कल्पितं तुभ्यं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम्‌॥


🧣 वस्त्र, यज्ञोपवीत, चन्दन, अक्षत, पुष्प और दूर्वा अर्पण

प्रत्येक सामग्री के साथ संबंधित मंत्र उच्चारण करें —


🔥 धूप दीप अर्पण (Dhoop Deep Samarpan)

वनस्पतिरसोद्भूतो गन्धाढ्यः गन्ध उत्तमः।
साज्यं च वर्तिसंयुक्तं वह्निना योजितं मया।
दीपं गृहाण देवेश त्रैलोक्यतिमिरापहम्‌॥


🍛 नैवेद्य एवं फल अर्पण (Naivedya & Phal)

शर्कराखण्डखाद्यानि दधिक्षीरघृतानि च।
आहारं भक्ष्यभोज्यं च नैवेद्यं प्रतिगृह्यताम्‌॥
फलेन फलितं सर्वं त्रैलोक्यं सचराचरम्‌।


🌿 ताम्बूल और दक्षिणा अर्पण (Tambool & Dakshina)

पूगीफलं महद्दिव्यं नागवल्लीदलैर्युतम्‌।
एलालवंगसंयुक्तं ताम्बूलं प्रतिगृह्यताम्‌॥

हिरण्यगर्भ गर्भस्थं हेमबीजं विभावसोः।
अनन्तपुण्यफलदं ततः शान्तिं प्रयच्छ मे॥


📖 कथा पाठ और समापन (Katha Path & Conclusion)

पूजा क्रम पूर्ण होने पर श्री सत्यनारायण भगवान की कथा का पाठ स्वयं करें या किसी योग्य ब्राह्मण से करवाएँ।
कथा के बाद आरती करें, मंत्रपुष्पांजलि अर्पित करें, शांतिपाठ कर क्षमा याचना करें और भगवान की बिदाई करें।


🌺 निष्कर्ष (Conclusion)

श्री सत्यनारायण व्रत कथा का पूजन व्यक्ति के जीवन में सत्य, समृद्धि और शांति का संचार करता है।
विधिवत पूजन और कथा श्रवण करने से पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति होती है।

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