Site icon Divya Bhasha

नवरात्रि की कहानी, पूजा विधि तथा महिमा | Navratri Ki Kahani, Pooja Vidhi Aur Mahima

Navratra

नवरात्रि का परिचय (Navratri 2025)

नवरात्रि हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे साल में चार बार मनाया जाता है। इनमें से चैत्र और शारदीय नवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। यह पर्व शक्ति की उपासना का प्रतीक है, जिसमें माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।

नवरात्रि की कहानी (Navratri Ki Kahani)

पौराणिक कथा के पौराणिक कथा के अनुसार, राक्षस महिषासुर ने कठोर तप कर भगवान ब्रह्मा से वरदान पाया कि कोई भी देवता उसे परास्त न कर सके। इसके बाद उसने देवताओं को हराकर स्वर्ग पर अधिकार कर लिया। तब देवताओं ने माँ आदिशक्ति का आवाहन किया।
माँ दुर्गा ने महिषासुर से लगातार नौ दिन तक युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध कर दिया। तभी से नवरात्रि पर्व की शुरुआत हुई और विजयादशमी (दशहरा) को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाने लगा।

नवरात्रि पूजा विधि (Navratri Puja Vidhi in Hindi)

नवरात्रि के दौरान विधिपूर्वक पूजा करने से माँ दुर्गा प्रसन्न होती हैं। पूजा की विधि इस प्रकार है:

अखंड ज्योति – कई लोग पूरे नवरात्रि अखंड दीपक जलाते हैं, जो माँ की कृपा का प्रतीक है।

कलश स्थापना (Ghatasthapana) – नवरात्रि के पहले दिन मिट्टी के पात्र में जौ बोकर कलश स्थापना की जाती है।

माँ दुर्गा का आवाहन – माँ दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित कर रोली, अक्षत, पुष्प और दीप अर्पित किए जाते हैं।

नवरात्रि व्रत (Navratri Vrat) – भक्तजन पूरे नौ दिन व्रत रखते हैं और सात्विक भोजन का सेवन करते हैं।

दुर्गा सप्तशती पाठ – प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती या देवी भागवत का पाठ करना शुभ माना जाता है।

कन्या पूजन (Kanya Pujan) – अष्टमी और नवमी को कन्याओं का पूजन कर उन्हें भोजन कराया जाता है।

नवरात्रि की महिमा (Navratri Mahima in Hindi)

निष्कर्ष

नवरात्रि केवल एक धार्मिक पर्व ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने का अवसर है। इस दौरान माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा कर भक्त जीवन में सुख, शांति और सफलता का अनुभव करते हैं।

👉 यदि आप नवरात्रि में सही विधि से पूजा करेंगे तो माँ दुर्गा अवश्य ही आपकी मनोकामनाओं को पूर्ण करेंगी।

Exit mobile version