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श्री नृसिंह भगवान जी की आरती | Narasimha Aarti Lyrics in Hindi

Narsimha Arti Lyrics Hindi

परिचय

भगवान नृसिंह (Narasimha), भगवान विष्णु का चौथा अवतार है, जो आधा मानव और आधा सिंह रूप में प्रकट हुए थे। जब असुर हिरण्यकशिपु ने भक्त प्रह्लाद को सताया, तब भगवान ने स्तंभ से प्रकट होकर उसकी रक्षा की और धर्म की स्थापना की।
नृसिंह भगवान की आरती का पाठ करने से भय, संकट और शत्रुओं का नाश होता है और भक्त के जीवन में साहस, शांति और दिव्य शक्ति का संचार होता है।


श्री नृसिंह भगवान जी की आरती (Narasimha Aarti Lyrics in Hindi)

॥ आरती श्री नृसिंह भगवान जी की ॥

आरती कीजै नरसिंह कुँवर की।
वेद विमल यश गाऊँ मेरे प्रभुजी॥

पहली आरती प्रह्लाद उबारे।
हिरणाकुश नख उदर विदारे॥

दूसरी आरती वामन सेवा।
बलि के द्वार पधारे हरि देवा॥

तीसरी आरती ब्रह्म पधारे।
सहसबाहु के भुजा उखारे॥

चौथी आरती असुर संहारे।
भक्त विभीषण लंक पधारे॥

पाँचवीं आरती कंस पछारे।
गोपी ग्वाल सखा प्रतिपाले॥

तुलसी को पत्र कण्ठ मणि हीरा।
हरषि-निरखि गावें दास कबीरा॥


श्री नृसिंह भगवान की आरती का महत्व


नृसिंह भगवान की पूजा और आरती का सही समय


FAQ – Frequently Asked Questions

Q1: नृसिंह भगवान का अवतार क्यों हुआ था?
👉 भक्त प्रह्लाद की रक्षा करने और असुर हिरण्यकशिपु का वध करने के लिए।

Q2: नृसिंह भगवान की आरती करने से क्या लाभ है?
👉 यह भय दूर करती है और जीवन में शक्ति, साहस और सुख-शांति प्रदान करती है।

Q3: नृसिंह आरती कब करनी चाहिए?
👉 विशेष रूप से नरसिंह जयंती, मंगलवार और शनिवार को।

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