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🔱 कुबेरकृत शिवस्तुति | Kuber Krit Shiv Stuti

Kuber Krit Shiv Stuti

स्रोत: सौर पुराण, अध्याय 45
वाचक: धन के अधिपति भगवान कुबेर द्वारा की गई शिव की स्तुति


🙏 कुबेरकृत शिवस्तुति संस्कृत पाठ | Kuber Krit Shiv Stuti Sanskrit Text

नमाम्यहं। देवमजं पुराणमुपेन्द्रवेधोमरराजजुष्टम् ।
शशाङ्कसूर्याग्निसमाननेत्रं वृषेन्द्रचिह्नं विलयादिहेतुम् ॥१॥

सर्वेश्वरैकं त्रिदशैकबन्धुं ध्यानाधिगम्यं जगतोऽधिवासम् ॥
तं वाङ्मयाधारमनन्तशक्तिं ज्ञानार्णवं स्थैर्यगुणाकरं च ॥ २॥

पिनाकपाशाङ्कुशशूलहस्तं कपर्दिनं मेघसहस्रघोषम् ।
स्कालवूटं स्फटिकावभासं नमामि शम्भुं भुवनैकनाथम् ॥३॥

कपालिनं मालिनमादिदेवं जटाधरं भीमभुजङ्गहारम्।
प्रशासितारं च सहस्रमूर्तिं सहस्रशीर्षं पुरुषं वरिष्ठम् ॥ ४॥

यमक्षरं निर्गुणमप्रमेयं तं ज्योतिरेकं प्रवदन्ति सन्तः ।
दूरङ्गमं वेदविदां च वन्द्यं सरवस्य हृत्स्थं परमं पवित्रम् ॥५॥

तेजोनिधिं बालमृगाङ्गमौलिं नमामि रद्रं स्फुरदुग्रवक्त्रम् ।
कालेन्धनं कामदमस्तसङ्गं धर्मासनस्थं प्रकृतिद्वयस्थम् ॥ ६॥

अतीन्द्रियं विश्वभुजं जितारिं गुणत्रयातीतमजं निरीहम् ।
मनोमयं वेदमयं च हंसं प्रजापतीशं पुरुहूतमिन्द्रम् ॥ ७॥

अनाहतैकध्वनिरूपमाद्यं ध्यायन्ति यं योगविदो यतीन्द्राः ।
संसारपाशच्छिदुरं विमुक्त्यै पुनः पुनस्तं प्रणमामि नित्यम् ॥ ८॥

न यस्य रूपं न बलप्रभावो न च स्वभावः परमस्य पुंसः।
विज्ञायते विष्णुपितामहाद्यैस्तं वामदेवं प्रणमाम्यचिन्त्यम् ॥९॥

शिवं समाराध्य यमुग्रमूर्ति पपौ समुद्रं भगवानगस्त्यः ।
लेभे दिलीपोऽप्यखिलां स चोर्वीं तं विश्वयोनिं शरणं प्रपद्ये ॥१०॥

सम्पूजयन्तो दिवि देवसङ्घा ब्रह्मेन्द्रमुख्या विविधांश्च कामान् ।
तं स्तैमि नौमीह जपामि शर्वं वन्देऽभिवन्द्यं शरणं प्रपद्ये ॥११॥

स्तुत्वैवमीशं विरराम यावत्तावत्सहस्रार्कसमानतेजाः ।
ददौ स तस्मै वरदोऽन्धकारिर्वरत्रयं वैश्रवणाय देवः॥१२॥

इति सौरपुराणे पञ्चचत्वारिंशोऽध्यायान्तर्गता कुबेरकृता शिवस्तुतिः सम्पूर्णम्।


🌺 कुबेरकृत शिवस्तुति का महत्व | Importance of Kuber Krit Shiv Stuti

👉 यह स्तुति भगवान शिव की सर्वोच्च महिमा का वर्णन करती है।
👉 कुबेर ने इसे शिव की आराधना में किया, जिससे उन्हें असीम धन और पद प्राप्त हुआ।
👉 इस स्तोत्र का नित्य पाठ करने से:


🕉️ कुबेर मंत्र (धन-संपत्ति हेतु) | Kuber Mantra for Wealth and Prosperity

ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥

ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥


🔱 शिव को नमस्कार | Salutations to Lord Shiva

ॐ नमः शिवाय हर हर महादेव शिव शंभू
ॐ नमो नमस्तेऽस्तु सहस्रकृत्वः
!! पुनश्च भूयोऽपि नमो नमस्ते ॥


📿 पाठ विधि | How to Chant Kuber Krit Shiv Stuti

  1. प्रातः स्नान कर के शिवलिंग या शिव चित्र के सामने दीप जलाएँ।
  2. सफेद या पीले वस्त्र धारण करें।
  3. ध्यानपूर्वक “ॐ नमः शिवाय” का जप करें।
  4. तत्पश्चात् पूरी कुबेरकृत शिवस्तुति का पाठ करें।
  5. अंत में कुबेर मंत्र से प्रार्थना करें।

🌸 कुबेरकृत शिवस्तुति पाठ का लाभ | Benefits of Chanting Kuber Krit Shiv Stuti

✅ धन, वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति।
✅ दरिद्रता और ऋण से मुक्ति।
✅ घर में लक्ष्मी स्थायित्व।
✅ शिव-कुबेर कृपा से मनोकामना पूर्ति।
✅ आध्यात्मिक शांति और ध्यान में स्थिरता।


📚 Conclusion | निष्कर्ष

कुबेरकृत शिवस्तुति केवल धन-संपन्नता का साधन नहीं, बल्कि आत्म-शुद्धि और मोक्ष की दिशा में मार्गदर्शक है।
जो व्यक्ति श्रद्धा से इसका पाठ करता है, वह शिव-कुबेर की कृपा से जीवन में दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करता है।

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