🌹 ॥ दुर्गासिद्धमन्त्रस्तोत्रम् ॥
🕉️ श्लोक 1 — विश्वेश्वरि त्वं परिपासि विश्वम्
विश्वेश्वरि! त्वं परिपासि विश्वं
विश्वात्मिका धारयसीह विश्वम्।
विश्वेशवन्द्या भवती भवन्ति
विश्वाश्रया ये त्वयि भक्तिनम्राः॥ १॥
हिन्दी अर्थ:
हे विश्वेश्वरी माँ! आप सम्पूर्ण विश्व की रक्षा करती हैं, आप ही विश्व का आधार हैं। जो भक्त विनम्र होकर आपकी शरण में आते हैं, वे ही वास्तव में जगत के वंदनीय बनते हैं।
🌺 श्लोक 2 — देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद
देवि! प्रपन्नार्तिहरे! प्रसीद
प्रसीद मातर्जगतोऽखिलस्य।
प्रसीद विश्वेश्वरि! पाहि विश्वं
त्वमीश्वरी देवि! चराऽचरस्य॥ २॥
हिन्दी अर्थ:
हे जगदंबे! जो भी दुखी और पीड़ित आपकी शरण में आते हैं, उन पर कृपा करें। आप सम्पूर्ण जगत की माता हैं, चराचर सृष्टि की अधिष्ठात्री देवी हैं — कृपया इस विश्व की रक्षा करें।
🌼 श्लोक 3 — दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः
दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः
स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दारिद्र्य-दुःखभयहारिणि का त्वदन्या
सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता॥ ३॥
हिन्दी अर्थ:
हे दुर्गे! स्मरण मात्र से ही आप सब जीवों के भय को हर लेती हैं। जो शांतचित्त होकर आपका स्मरण करते हैं, उन्हें शुभ बुद्धि और सुख प्रदान करती हैं। दारिद्र्य, दुःख और भय को हरने वाली आपसे श्रेष्ठ कोई और नहीं है।
🌸 श्लोक 4 — विद्याः समस्तास्तव देवि भेदाः
विद्याः समस्तास्तव देवि! भेदाः
स्त्रियः समस्ताः सकला जगत्सु।
त्वयैकया पूरितमम्बयैतत्
का ते स्तुतिः स्तव्यपरा परोक्तिः॥ ४॥
हिन्दी अर्थ:
हे माता! सम्पूर्ण विद्याएँ आपकी ही विभिन्न अभिव्यक्तियाँ हैं। संसार की सभी स्त्रियाँ भी आपके रूप हैं। इस समस्त जगत को आपने ही पूर्ण किया है — आपकी स्तुति करने योग्य और कौन हो सकता है?
🌹 श्लोक 5 — त्वं वैष्णवी शक्तिरनन्तवीर्या
त्वं वैष्णवी शक्तिरनन्तवीर्या
विश्वस्य बीजं परमासि माया।
सम्मोहितं देवि! समस्तमेतत्
त्वं वै प्रसन्ना भुविमुक्तिहेतुः॥ ५॥
हिन्दी अर्थ:
हे देवी! आप वैष्णवी शक्ति हैं, अनन्त वीर्य की धनी हैं। आप ही विश्व की मूल बीज रूप माया हैं। आपके प्रसन्न होने पर यह संसार भ्रम से मुक्त होता है, और मुक्ति का मार्ग प्राप्त करता है।
🌼 श्लोक 6 — सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके
सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तु ते॥ ६॥
हिन्दी अर्थ:
हे सर्वमंगलमयी शिवे! जो सबके कल्याण की साधिका हैं, त्र्यम्बका, गौरि, नारायणी — आपको नमन है। आप ही सभी की आश्रयदाता हैं।
🌺 श्लोक 7 — शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे
शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।
सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥ ७॥
हिन्दी अर्थ:
हे नारायणी देवी! जो शरण में आए हुए दुखी और दीनजनों के रक्षक हैं, जो सबके दुःखों को हर लेती हैं — ऐसी दयामयी माता को बार-बार नमन है।
🌸 भावार्थ सारांश (Summary in Hindi)
यह स्तोत्र देवी दुर्गा के अद्भुत गुणों और कृपा का वर्णन करता है। इसमें बताया गया है कि माता दुर्गा ही विश्व की सृष्टि, पालन और संहार की शक्ति हैं। उनके स्मरण से भय, दुःख, और दरिद्रता मिटती है। वे ही मोक्ष और कल्याण की अधिष्ठात्री देवी हैं।