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भगवान नटवर आरती | Bhagwan Natwar Aarti Lyrics in Hindi

Bhagwan Natwar Aarti

परिचय

भगवान श्रीकृष्ण, जिन्हें नटवर, गोपाल, गोवर्धनधारी और बंशीधर के नाम से पूजा जाता है, भक्तों के लिए परम करुणामय और प्रेम स्वरूप हैं।
भगवान नटवर आरती का पाठ करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। इस आरती का गान करने से व्यक्ति को भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।


भगवान नटवर आरती (पूर्ण पाठ)

॥ भगवान नटवर आरती ॥

नन्द-सुवन जसुमति के लाला,
गोधन गोपी प्रिय गोपाला।
देवप्रिय असुरन के काला,
मोहन विश्वविमोहन वर की॥

आरती कीजै श्रीनटवर जी की।
गोवर्धन-धर बन्शीधर की॥

जय वसुदेव-देवकी-नन्दन,
कालयवन-कन्सादि-निकन्दन।
जगदाधार अजय जगवन्दन,
नित्य नवीन परम सुन्दर की॥

आरती कीजै श्रीनटवर जी की।
गोवर्धन-धर बन्शीधर की॥

अकल कलाधर सकल विश्वधर,
विश्वम्भर कामद करुणाकर।
अजर, अमर, मायिक मायाहर,
निर्गुन चिन्मय गुणमन्दिर की॥

आरती कीजै श्रीनटवर जी की।
गोवर्धन-धर बन्शीधर की॥

पाण्डव-पूत परीक्षित रक्षक,
अतुलित अहि अघ मूषक-भक्षक।
जगमय जगत निरीह निरीक्षक,
ब्रह्म परात्पर परमेश्वर की॥

आरती कीजै श्रीनटवर जी की।
गोवर्धन-धर बन्शीधर की॥

नित्य सत्य गोलोकविहारी,
अजाव्यक्त लीलावपुधारी।
लीलामय लीलाविस्तारी,
मधुर मनोहर राधावर की॥

आरती कीजै श्रीनटवर जी की।
गोवर्धन-धर बन्शीधर की॥


भगवान नटवर आरती का महत्व

  1. भक्ति और प्रेम की प्राप्ति – श्रीकृष्ण की आराधना से जीवन में प्रेम और भक्ति का संचार होता है।
  2. संकटों का नाश – आरती से जीवन की बाधाएँ और कष्ट दूर होते हैं।
  3. गृहस्थ सुख-शांति – परिवार में सौहार्द और सुख-समृद्धि आती है।
  4. आध्यात्मिक उन्नति – भगवान नटवर की आरती करने से आत्मिक शांति और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है।

कब करें भगवान नटवर आरती?


FAQ – भगवान नटवर आरती

Q1: भगवान नटवर कौन हैं?
👉 भगवान श्रीकृष्ण को ही नटवर या नटवर नागर कहा जाता है।

Q2: नटवर आरती कब करनी चाहिए?
👉 प्रातः और संध्या के समय, विशेषकर जन्माष्टमी और पूजा-अर्चना में।

Q3: नटवर आरती का क्या महत्व है?
👉 यह आरती संकट दूर करती है, घर-परिवार में सुख-शांति लाती है और भक्ति भाव को प्रबल बनाती है।

Q4: क्या इसे घर पर किया जा सकता है?
👉 हाँ, दीपक जलाकर और भोग लगाकर घर पर आरती करना शुभ माना जाता है।

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