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आरती श्री सूर्यजी | Shri Surya Ji Aarti Lyrics in Hindi

Aarti Shri Surya Ji

श्री सूर्यजी आरती का महत्व

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन – यह आरती भगवान सूर्यजी को समर्पित है। सूर्य देव जीवन में ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि के प्रतीक हैं।

इस आरती को सुनने और गाने से मानसिक शांति, भक्ति भाव और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। सूर्य आरती विशेष रूप से सूर्य नवमी, रवि वार और धार्मिक अवसरों पर गाई जाती है।


श्री सूर्यजी आरती (पूर्ण पाठ)

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन।
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दुःखहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी।
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

सुर – मुनि – भूसुर – वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली।
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

सकल – सुकर्म – प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व-विलोचन मोचन, भव-बन्धन भारी।
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

कमल-समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत साहज हरत अति मनसिज-संतापा।
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

नेत्र-व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा-हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी।
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।

सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान-मोह सब, तत्त्वज्ञान दीजै।
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।


सूर्यजी आरती करने के लाभ


आरती करने का सही तरीका

  1. शुद्ध स्थान पर दीपक और धूप करें।
  2. सूर्यदेव की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें।
  3. आरती की पंक्तियों को ध्यानपूर्वक पढ़ें या गाएं।
  4. अंत में “जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन” का उच्चारण करें।
  5. श्रद्धा और भक्ति भाव से आरती को समर्पित करें।

निष्कर्ष:
आरती श्री सूर्यजी – जय कश्यप-नन्दन, भक्तों को सूर्यदेव की कृपा और आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है। इसे नियमित रूप से गाने या सुनने से जीवन में सुख, शांति और सकारात्मक बदलाव आते हैं।

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