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श्री लक्ष्मीनारायण आरती – जय लक्ष्मी-विष्णो (Shri Laxminarayan Aarti)

Shri Lakshmi Narayan Aarti

श्री लक्ष्मीनारायण आरती का महत्व

जय लक्ष्मी-विष्णो – यह आरती भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है। लक्ष्मीनारायण की आरती घर और जीवन में सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा लाती है। इसे सुनने और गाने से मानसिक शांति, भक्ति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

भगवान विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता और माता लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं। इस आरती के माध्यम से भक्त उनके गुणों और दिव्यता का गुणगान करते हैं।


आरती की पंक्तियाँ

जय लक्ष्मी-विष्णो। जय लक्ष्मीनारायण।
जय लक्ष्मी-विष्णो। जय माधव, जय श्रीपति।
जय, जय, जय विष्णो।
जय लक्ष्मी-विष्णो।

जय चम्पा सम-वर्णे, जय नीरदकान्ते।
जय मन्द स्मित-शोभे, जय अदभुत शान्ते।
जय लक्ष्मी-विष्णो।

कमल वराभय-हस्तेश, शङ्खादिकधारिन्।
जय कमलालयवासिनी, गरुडासनचारिन्।
जय लक्ष्मी-विष्णो।

सच्चिन्मय करचरणे, सच्चिन्मय मूर्ते।
दिव्यानन्द-विलासिनी, जय सुखमय मूर्ते।
जय लक्ष्मी-विष्णो।

तुम त्रिभुवन की माता, तुम सबके त्राता।
तुम लोक-त्रय-जननी, तुम सबके धाता।
जय लक्ष्मी-विष्णो।

तुम धन, जन, सुख, संतति, जय देनेवाली।
परमानन्द विधाता, तुम हो वनमाली।
जय लक्ष्मी-विष्णो।

तुम हो सुमति घरों में, तुम सबके स्वामी।
चेतन और अचेतन के अन्तर्यामी।
जय लक्ष्मी-विष्णो।

शरणागत हूँ, मुझ पर कृपा करो माता।
जय लक्ष्मी-नारायण, नव-मंगल दाता।
जय लक्ष्मी-विष्णो।


लक्ष्मीनारायण आरती करने के लाभ


आरती करने का सही तरीका

  1. शुद्ध स्थान पर दीपक और धूप करें।
  2. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें।
  3. आरती की पंक्तियों को ध्यानपूर्वक पढ़ें या गाएं।
  4. अंत में “जय लक्ष्मी-विष्णो” का उच्चारण करें।
  5. श्रद्धा और भक्ति भाव से आरती को समर्पित करें।

निष्कर्ष:
श्री लक्ष्मीनारायण आरती – जय लक्ष्मी-विष्णो, भक्तों को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करती है। इसे नियमित रूप से गाने या सुनने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है।

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